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Ground report: नागपुर में ‘आउट ऑफ कंट्रोल’, रोज 4000 नए संक्रमित, हर दिन 50 से ज्‍यादा मौतें!

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नवीन रांगियाल

  • रोजाना 50 के पार हुआ मौत का आंकड़ा
  • नागपुर के मेंटल हॉस्पिटल में निकले 17 संक्रमित
  • अस्‍पतालों में वेटिंग पर एडमिशन, बाहरी मरीजों ने बढ़ाई चिंता
  • वैक्‍सीन के बाद बेफि‍क्र हुए लोग, लॉकडाउन का नहीं असर
  • एक्‍ट‍िव केस हुए40हजार के पार,ग्रामीण इलाकों में बेकाबू हालात
तमाम प्रयासों के बावजूद नागपुर जिले में कोरोना संक्रमण की स्‍थि‍ति भयावह होती जा रही है। यहां वायरस को काबू में करना आउट ऑफ कंट्रोल हो गया है। जिले में रोजाना करीब 4 हजार नये संक्रमित मिल रहे हैं। वहीं, संक्रमण से मरने वालों की संख्या 50 के पार हो गई है।

रविवार को तो एक ही दिन में पूरे जिले में 62 संक्रमित लोगों की मौत हुई। यहां संक्रमण से मरने वालों में अब तक का यह सबसे ज्‍यादा आंकड़ा है। स्‍थि‍ति यह है कि प्रशासन की हर कोशि‍श विफल हो रही है।

रविवार को जो 62 मौतें हुईं हैं उसमें शहर के 29 और ग्रामीण इलाकों के 29 लोगों के साथ ही जिले के बाहर के 4 संक्रमित मरीज शामिल हैं। मरने वालों की अब तक कुल संख्‍या 5 हजार 327 हो गई है। जबकि पॉजिटिव लोगों की कुल संख्या 2 लाख 41 हजार 606 हो गई है।

एक्‍ट‍िव केस हुए 40 हजार के पार
जिलेभर में एक्टिव मामलों की संख्‍या 40 हजार के पार हो चुकी है। इनका करीब 9 हजार 578 अलग-अलग अस्‍पताल और कोविड सेंटरों में इलाज किया जा रहा है। जबकि करीब 31 हजार 793 लोग संक्रमण के बाद होम क्वारंटाइन हैं। वहीं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मुताबिक करीब 3 हजार 497 लोग स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं। रिकवरी रेट की बात करें तो यह अभी 80.67 प्रतिशत पर बना हुआ है।

ग्रामीण इलाकों में बेकाबू हालात
अब तक जो ग्रामीण इलाके संक्रमण से बचे हुए थे अब वहां स्‍थि‍ति बेकाबू हो रही है। रविवार को जो मौतें हुईं उनमें ग्रामीण इलाकों की 29 लोगों की मौतें शामिल हैं। इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में मरने वालों की कुल संख्या 1 हजार 093 हो गई है।

मेंटल हॉस्पिटल में 17 संक्रमित
नागपुर के मेंटल हॉस्पिटल में भी कोरोना ब्लास्ट हुआ है। यहां एक दिन में 17 पॉजिटिव आने के बाद दहशत का माहौल है। यहां इस वक्‍त करीब 500 ऐसे मरीज भर्ती हैं जो अलग-अलग मानसिक बीमारियों से ग्रस्‍त हैं।

वेटिंग पर एडमिशन, बाहरी मरीजों ने बढ़ाई चिंता
शहर में तेजी से बढ़ रही संक्रमितों की संख्‍या ने पूरे एनएमसी प्रशासन और स्‍वास्‍थ्‍य महकमे को चिंता में डाल दिया है। गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं तो कहीं अस्‍पतालों में पलंग ही नहीं मिल रहे हैं। मरीज एक अस्‍पताल से दूसरे अस्‍पताल में अपने परिजनों को लेकर भटक रहे हैं।

नागपुर के अस्‍पतालों में नागपुर के साथ ही सबसे ज्‍यादा मरीज मध्‍यप्रदेश से पहुंच रहे हैं। नागपुर से सटे छिंदवाडा समेत बालाघाट, बैतूल और सिवनी से रोजाना कई संक्रमित लोग इलाज के लिए नागपुर आ रहे हैं। ऐसे में मेड‍ि‍कल व्‍यवस्‍था और डॉक्‍टरों की सेवाएं भी चरमरा रही है।

वैक्‍सीन के बाद बेफ‍िक्री
पिछले दिनों नागपुर प्रशासन की बरती गई सख्‍ती कोई काम नहीं आई। इसके उलट मरीजों की संख्‍या में चिंताजनक इजाफा हुआ है। सबसे ज्‍यादा चौंकाने वाली और भयावह जानकारी यह है कि नागपुर में अब भी लोग कोरोना के नि‍यमों का पालन नहीं कर रहे हैं। चाय की दुकानों, जूस की दुकानों, पान ठेलों और नाश्‍ते की दुकानों पर बेतहाशा तरीके से लोगों की भीड़ हो रही है। न तो मास्‍क लगाए जा रह है और न ही सोशल दूरी ही नजर आ रही है। सिर्फ शाम को 7 बजे के बाद असर नजर आता है, इसके पहले पूरे शहर में सामान्‍य दिनों की तरह दृश्‍य नजर आ रहे हैं। बाजारों में भीड़ और आवागमन रोज की तरह सामान्‍य ही नजर आ रहा है। सबसे दुखद पहलू तो यह है कि जिन लोगों ने वैक्‍सीन लगा ली है, वे बेफ‍िक्र होकर बाहर घूम रहे हैं, उन्‍हें लगता है कि वैक्‍सीनेशन के बाद वे पूरी तरह से सुरक्षि‍त हैं।

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