औरंगाबाद। महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में युवाओं के एक समूह ने अब तक 75 कोविड-19 मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया है। मृतक चाहे किसी भी धर्म का हो, यह समूह सबके लिए समान भाव से इस सेवा में लगा हुआ है, जिसके लिए स्थानीय नगर निकाय ने उसकी खूब सराहना की है।‘हैप्पी क्लब’ नामक इस समूह में 20 युवा सदस्य हैं।
कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले, यह समूह नांदेड़ में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करता था। पिछले चार महीनों से, वे कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार कर रहे हैं। हैप्पी क्लब के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने कहा कि हमारा 20 युवाओं का एक समूह है। हम पिछले चार महीनों से इस काम में लगे हुए हैं।
हमने इस दौरान 75 कोविड-19 मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मृतक हिंदू है, तो हम उन्हें जलाने के लिए चिता की व्यवस्था करते हैं और फिर उनका अंतिम संस्कार करते हैं। अगर मृतक मुस्लिम है तो हम नमाज-ए-जनाजा पढ़ते हैं और दफनाते हैं।
शोएब ने कहा कि महामारी से पहले, हम लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते थे। अब हम कोविड-19 मृतकों की अंत्येष्टि के लिए काम कर रहे हैं। कई मामलों में, मृतक के रिश्तेदार या तो क्वारंटाइन में होते हैं या उनका इलाज चल रहा होता है।
ऐसी हालत में हम उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं। समूह के एक सदस्य सैयद आमिर ने कहा कि पहले हम संक्रमित व्यक्तियों के अंतिम संस्कार करने से डरते थे। लेकिन, अब कोई डर नहीं है। नांदेड़ नगर निगम (एनएमसी) हमें पीपीई किट प्रदान करते हैं और हम इस सेवा के लिए किसी से एक भी रुपया नहीं लेते हैं।
समूह के एक और सदस्य मोहम्मद सुहैल ने कहा कि हमारे मां-बाप हमें इस काम के लिए प्रोत्साहित करते हैं।एनएमसी के उपायुक्त शुभम क्यातमवार ने कहा कि इस समूह का काम वास्तव में सराहनीय और प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा कि वे कोविड-19 मृतकों का अंतिम संस्कार करते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी अब तक संक्रमित नहीं हुआ है। यह सबसे अच्छा उदाहरण है कि अगर हम उचित सावधानी रखते हैं तो हम सुरक्षित रह सकते हैं। इसके अलावा, वे इस सेवा के लिए कोई पैसा नहीं लेते हैं। (भाषा) (प्रतीकात्मक चित्र)