नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की ट्रेड एंड इंडस्ट्री विंग के दिल्ली प्रदेश कन्वीनर बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 1 जून से बाजारों को खोलने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उपराज्यपाल ने दिल्ली के बाजारों को खोलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि बाजारों को सप्ताह में कम से कम 3 दिन खोलने की अनुमति दी जाए। दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus) और लॉकडाउन से जुड़ी गाइडलाइन दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) तय करती है।
डीडीएमए की बैठक में दिल्ली सरकार ने उद्योगों, कंस्ट्रक्शन के साथ बाजारों को भी खोलने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उपराज्यपाल ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल बीजेपी शासित केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। भाजपा को दिल्ली के व्यापारियों की चिंता है तो बाजारों को खोलने का उपराज्यपाल को केंद्र सरकार से निर्देश दिलवाएं। दिल्ली में निर्माण कार्यों को अनुमति दी गई लेकिन इससे जुड़ी सीमेंट-लोहे की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। इन दुकानों को खोलने की अनुमति भी दी जाए। दिल्ली सरकार डीडीएमए की आगामी बैठक में दिल्ली के बाजारों को खोलने को लेकर फिर प्रस्ताव रखेगी।
आम आदमी पार्टी की ट्रेड एंड इंडस्ट्री विंग के दिल्ली प्रदेश कन्वीनर बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन को लेकर कल डीडीएमए की बैठक हुई, जिसमें उद्योगों और कंस्ट्रक्शन साइटों को खोलने की अनुमति दी गई है। बाजारों को अभी तक खोलने की अनुमति नहीं मिली है। सोशल मीडिया पर कल शाम से ही बीजेपी के लोग दिल्ली सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाजारों को खोलने नहीं दिया है। वे नहीं चाहते थे कि दिल्ली के बाजार अभी खोले जाएं। भाजपा के लोग इस तरह का जो झूठ फैला रहे हैं।
बृजेश गोयल ने तथ्य रखते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना और लॉकडाउन से संबंधित जो भी गाइडलाइन बनती हैं उनको दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) तय करती है। डीडीएमए के अध्यक्ष दिल्ली के उपराज्यपाल हैं। डीडीएमए की कल हुई बैठक में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया कि दिल्ली में उद्योगों, कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण के साथ बाजारों को भी खोला जाए, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल इसके लिए तैयार नहीं थे।
उपराज्यपाल ने दिल्ली के बाजारों को 1 जून से खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की है। आज तमाम अखबारों में इस संबंध में खबर भी छपी है। दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि बाजारों को भले सप्ताह में 3 दिन खोला जाए, लेकिन बाजारों को खोलने की अनुमति दी जाए। इसके साथ तमाम गतिविधियों को थोड़ा-थोड़ा खोलने की अनुमति जाए, लेकिन उपराज्यपाल इसके लिए तैयार नहीं हुए। एलजी ने बाजारों को खोलने की अनुमति प्रदान नहीं की है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं से हाथ जोड़कर निवेदन है कि कोरोना जैसे गंभीर मुद्दे पर इस तरह की घटिया राजनीति नहीं की जाए। इस समय सभी पार्टियों को एकसाथ एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है, तभी हम कोरोना जैसी महामारी पर विजय प्राप्त कर पाएंगे। बीजेपी के नेताओं से अनुरोध है कि बीजेपी की केंद्र सरकार के एलजी अधीन आते हैं।
ऐसे में बीजेपी के नेताओं को अगर वाकई दिल्ली के व्यापारियों की चिंता है और वह चाहते हैं कि 1 जून से दिल्ली में बाजारों को खोला जाए तो केंद्र सरकार से एलजी को निर्देश दिलवाएं कि डीडीएमए की तुरंत बैठक बुलाएं। डीडीएमए के अध्यक्ष होने के नाते उपराज्यपाल प्रस्ताव पारित करें कि 1 जून से दिल्ली के बाजारों को खोला जाए।
बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली में निर्माण कार्यों की अनुमति दी गई, लेकिन लोहा, गार्डर, सरिया, हार्डवेयर, सीमेंट सहित अन्य दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में व्यापारी चिंतित हैं कि कंस्ट्रक्शन कैसे होगा। उपराज्यपाल से अपील है कि वह इन सब चीजों पर भी ध्यान दें और इन तमाम दुकानों को खोलने की अनुमति भी दी जाए।
भारतीय जनता पार्टी से अनुरोध है कि यह समय घटिया राजनीति करने का नहीं, बल्कि एकजुट होकर लड़ने का है। हम सभी मिलकर इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ें। दिल्ली सरकार की तरफ से आश्वस्त करता हूं कि डीडीएमए की बैठक में दिल्ली सरकार बाजारों को खोलने को लेकर पूरा सहयोग करेगी।