नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टीके निर्यात करने को लेकर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर अपने देश में लोगों को पहले टीके लगाए जाते तो बड़ी संख्या में जीवन बचाए जा सकते थे।
सिसोदिया ने ऑनलाइन प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि जब हमारे अपने देश में लोग मर रहे थे, उस समय केंद्र ने केवल अपनी छवि प्रबंधन के लिए अन्य देशों को टीके की बिक्री की, जो कि केंद्र सरकार द्वारा किया गया जघन्य अपराध है।'
एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने 93 देशों को कोरोनावायरस टीके की बिक्री की, जिनमें से 60 प्रतिशत में संक्रमण नियंत्रण में था और वहां वायरस के चलते लोगों को जान का खतरा नहीं था। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में युवाओं की जान चली गई।
उन्होंने कहा कि अगर टीके का निर्यात करने के बजाय इन लोगों को टीका लगाया गया होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र को अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में निर्मित टीके इसकी कमी का सामना कर रहे राज्यों को उपलब्ध कराए जाएं।
23 मरीज हुए लापता : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल से कोविड-19 के 23 रोगियों के लापता होने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सिसोदिया ने स्वास्थ्य विभाग से इस मामले की जांच करने और सोमवार शाम तक रिपोर्ट देने को कहा है। निगम के महापौर जयप्रकाश ने शनिवार को कहा था कि कम से कम 23 कोविड-19 रोगियों ने अस्पताल को बताए बिना 19 अप्रैल और छह मई के बीच अस्पताल छोड़ दिया। इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि सिसोदिया ने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाला है कि बड़ी संख्या में कोविड-19 मरीज अस्पताल से लापता हो गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह न केवल इन रोगियों के जीवन के लिए खतरनाक है, बल्कि सरकार के प्रयासों के लिए भी एक झटका है जिसने बीमारी के प्रसार पर रोक के लिए लॉकडाउन लगाया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव, राष्ट्रीय राजधानी का सबसे बड़ा निकाय अस्पताल है। अस्पताल में कोविड रोगियों के लिए 250 बिस्तर आरक्षित हैं और दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार वर्तमान में सभी बिस्तरों पर मरीज भर्ती हैं। (भाषा)