माफ करो माननीय! आप कोरोना आपदा को भी अवसर में बदलने से नहीं चूक रहे ?
इंदौर में कोरोना के बहाने राजनीति चमकाने में जुटे सियासतदार !
खबर का शीर्षक और उसके नीचे दिखाई दे रही तस्वीर सब कुछ बयां कर रही है। एक आपदा के रूप में आई महामारी कोरोना को किस तरह हमारे माननीय नेता गण अपनी राजनीति चमकने के अवसर में बदल रहे है इसको इन तस्वीरों से आसानी से समझा जा सकता है।
कोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर में कंटेनमेंट जोन में शुक्रवार को जिस तरह भाजपा के पूर्व विधायक ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए हजारों लोगों की जिंदगी दांव पर लगा दी वह अब कोरोना काल के काले इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है।
अपने नेता के जन्मदिन के बहाने, अपनी राजनीति चमकाने के लिए भाजपा नेता ने राशन वितरण करने का जो बीड़ा उठाया था वह उस राजनीति का ऐसा सबसे घिनौना चेहरा है जिसको शायद ही इंदौर की जनता कभी माफ करें।
हैरत की बात यह हैं कि राजनीति में अनुशासन का मंत्र जपने वाली भाजपा के पूर्व विधायक ने अपने क्षेत्र के जिस कमला नगर नेहरू कॉलोनी को राशन बांटने के लिए चुना वह पहले से ही कंटेनमेंट जोन में शामिल थी, इस इलाके में अब तक कोरोना से कई लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य लोग कोरोना से संक्रमित है।
कोरोना के काले इतिहास में दर्ज हो चुकी यह तस्वीरें इस बात का भी गवाह बनकर इतिहास में दर्ज हो चुकी है कि कैसे जब देश का सबसे स्वच्छ शहर का रूतबा रखने वाला इंदौर मानव जाति पर आए सबसे बड़े खतरे से जूझ रहा था तब शहर की अफसरशाही ने नेताओं के आगे घुटने टेक दिए थे।
इस बीच हजारों लोगों की भीड़ इकठ्ठी करने और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने के मामले में सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
बात यहीं नहीं खत्म होती है, सत्ताधारी नेताजी को अपनी राजनीति चमकाने के लिए जो करना था वह तो उन्होंने डंके के चोट पर कर दिखाया लेकिन अब बारी थी सियासी माइलेज लेने की तो इंदौर में विपक्ष की राजनीति करने वाले माननीय कहां पीछे रहने वाले थे और वह भी बिना किसी देर के पहुंच गए अपनी राजनीति को चमकाने के लिए है।
शहर के ऐतिहासिक राजवाड़ा लाव लश्कर के साथ पहुंचे कांग्रेस विधायक और नेता धरने पर बैठ गए और भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। नेता जी को मनाने के लिए पहुंचे प्रशासन के अफसरों ने फिर एक बार घुटने टेक दिए।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कैमरों से घिरे नेताजी को अपनी सियासत को चमकाने का इससे अच्छा मौका कहां मिलना था और वह चूके भी नहीं। कैमरों के सामने ही उन्होंने पहले से घुटने के बल बैठे अफसरों को उनकी हैसियत याद दिला दी और सत्ता में आने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली।
सियासत के हमाम में सब नंगे हैं, ये कहावत इंदौर से आई सियासत की इन दो तस्वीरों पर एकदम सटीक बैठती है। लखदख सफेद कुर्तो में नजर आने वाले इन सियासतदारों ने संकट के समय में अपनी सियासत को चमकाने के लिए पूरे शहर को एक तरह से दांव पर लगा दिया है।