भोपाल। मध्यप्रदेश में एक ओर जहां कोरोना के लगातार मामले सामने आते जा रहे है वहीं प्रदेश में कोरोना का रिकवरी रेट भी लगाता बढ़ता जा रहा है। प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट अब 53 प्रतिशत हो गई है जबकि देश की रिकवरी रेट 41.8 प्रतिशत है। इसी प्रकार प्रदेश में कोरोना की डबलिंग रेट 21 दिन हो गई है जबकि देश की कोरोना डबलिंग रेट 15.4 दिन है।
इंदौर में राहत वाली खबर – प्रदेश में कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित इंदौर अब कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाब हो चुका है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक जिले में सघन सर्वे तथा टेस्ट के माध्यम से मरीजों की जल्द ही पहचान से मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आ रही है। वर्तमान में इंदौर की कोरोना मृत्यु दर 3.6 है जबकि प्रदेश के 4.1 प्रतिशत है। जबकि गत सप्ताह इंदौर की कोरोना मृत्यु दर 1.08 प्रतिशत रही। वहीं जिले में कोरोना मरीजों की डबलिंग रेट बढ़कर 30 दिन हो गई है। इसके साथ शहर के संक्रमित वार्ड की संख्या 79 से 62 रह गई है।
फीवर क्लीनिक का असर – मुख्यमंत्री कोरोना समीक्षा बैठक में इंदौर कलेक्टर ने जिले में फीवर क्लीनिक का अच्छा रिस्पॉस देखने को मिल रहा है और लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। हर फीवर क्लीनिक पर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। इंदौर में निजी व सरकारी दोनों क्षेत्रों में फीवर क्लीनिक प्रारंभ हो गई हैं। इसके साथ इंदौर में एक 500 बेड वाला सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल तैयार हो रहा है जो 15 जून के आसपास कार्य करना प्रारंभ कर देगा।
वहीं इंदौर संभाग के संभागायुक्त के मुताबिक संभाग के सभी जिलों की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। धार में 114 में 104 डिस्चार्ज हुए, खरगौन में 119 में 95, खंडवा में 232 में 184, बड़वानी में 41 में 30 तथा झाबुआ में 13 में 6 कोरोना मरीज डिस्चार्ज होकर घर चले गये हैं।
केंद्र ने इंदौर को मॉडल माना – कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने इंदौर को अपना मॉडल माना है। केंद्र सरकार ने इंदौर के साथ जयपुर, चेन्नई औप बेंगलुरु का चुनाव कर इनके मॉडल का अध्ययन कर उन शहरों को इन पर काम करने को कहेगी जहां संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है।