नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना ने दिल्ली सरकार को टीके बेचने से मना कर दिया है, क्योंकि वे केंद्र से सीधे तौर पर बात करना चाहती हैं। केजरीवाल ने कहा कि हमने फाइजर और मॉडर्ना के साथ बात की थी। उन्होंने कहा कि वे हमें टीके नहीं देंगे और सीधे केंद्र के साथ वार्ता करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि इन कंपनियों के साथ बात कर टीकों का आयात करें और उन्हें राज्यों के बीच वितरित करें। केजरीवाल की टिप्पणी के 1 दिन पहले पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मॉडर्ना ने सीधे राज्य सरकार को टीके देने से इंकार करते हुए कहा है कि वह केवल केंद्र के साथ ही बात करेगी।
केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर धीरे-धीरे घट रही है और दिल्ली सरकार तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट चुकी है। उन्होंने कहा कि हमने चीन से 6,000 ऑक्सीजन सिलेंडर आयात किए हैं। 3 डिपो तैयार किए जा रहे हैं, जहां 2-2 हजार सिलेंडर होंगे। तीसरी लहर में इनका इस्तेमाल होगा। विदेश मंत्रालय और बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने इसमें बहुत मदद की, वरना यह संभव नहीं होता।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि फाइजर और मॉडर्ना ने टीके सीधे दिल्ली सरकार को बेचने से मना कर दिया है। सिसोदिया ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में टीके खत्म होने के बाद 18 से 44 साल आयुवर्ग के लोगों के लिए सभी 400 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है, वहीं 45 साल से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों तथा अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले लोगों के लिए कोवैक्सीन के केंद्रों को भी टीकों की कमी के कारण बंद किया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि लोगों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए इस समय टीकाकरण बहुत जरूरी है और उन्होंने मॉडर्ना, फाइजर तथा जॉनसन एंड जॉनसन कंपनियों से टीकों के लिए बात की है। फाइजर और मॉडर्ना ने हमें सीधे टीके बेचने से इंकार कर दिया है और बताया है कि वे केंद्र से बात कर रही हैं। केंद्र ने फाइजर और मॉडर्ना को मंजूरी नहीं दी है, वहीं पूरी दुनिया में इन्हें मंजूरी दी गई है और कई देशों ने इन टीकों की खरीदारी की है। कुछ देशों ने परीक्षण के स्तर पर ही टीकों को खरीद लिया लेकिन भारत ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। हमने 2020 में स्पुतनिक को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था और पिछले महीने ही इसे मंजूरी दी।
उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से फाइजर और मॉडर्ना के टीकों को युद्धस्तर पर मंजूरी देने का आग्रह करतेकहा कि मैं केंद्र से अनुरोध करता हूं कि इस टीकाकरण कार्यक्रम को मजाक न बनाएं। राज्यों को फाइजर और मॉडर्ना से संपर्क करने के लिए कहने के बजाए युद्धस्तर पर इन्हें मंजूरी दें। ऐसा न हो कि जब तक हम टीका लगाएं, तब तक टीका लगवा चुके लोगों के एंटीबॉडी भी समाप्त हो जाएं और उन्हें फिर टीका लगवाने की जरूरत पड़ जाए।