Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

J&K : कोरोना का डर, 18 राजनीतिक कैदियों से हटाया PSA, महबूबा को घर शिफ्ट किया गया

हमें फॉलो करें Jammu Kashmir

सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 7 अप्रैल 2020 (16:27 IST)
जम्मू। कोरोना के डर की वजह से कश्मीर में 18 राजनीतिक कैदियों से पीएसए (PSA) हटा दिया गया, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर से पीएसए को नहीं हटाया गया है। इतना जरूर था कि महबूबा को उनके घर पर शिफ्ट कर दिया गया है। उनके घर को उप जेल में तब्दील करने का आदेश भी जारी किया गया है। 
 
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती को उनके घर शिफ्ट करने का आदेश जारी किया गया है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनको नजरबंद कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें जनसुरक्षा कानून (PSA) के तहत हिरासत में ले लिया गया था। अब तक वह ट्रांसपोर्ट यार्ड के सरकारी बंगले में थीं, जहां से आज वे अपने घर फेयर व्यू पहुंच गईं। इस दौरान उनका घर फेयर व्यू उप जेल में तब्दील रहेगा।
 
इस कवायद पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा करने की मांग की है।
 
उमर ने ट्वीट में लिखा है कि महबूबा मुफ्ती को घर में शिफ्ट करना काफी नहीं है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के मुख्य प्रवक्ता जुनैद अजीम मट्टू ने कहा कि महबूबा व मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में रखना निरंकुशता है।
 
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े 6 प्रमुख नेता अभी भी पीएसए के तहत बंद हैं। 
 
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था। उन पर लगा जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटाकर रिहाई का आदेश जारी किया गया था। 
 
13 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था। 1 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की थी।
 
हालांकि उन्होंने नए अधिवास अधिनियम को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए यह बता कही थी। उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार के पास कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच अधिवास कानून जारी करने का समय है तो उन्हें महबूबा मुफ्ती को रिहा करने का समय क्यों नहीं मिल सकता है।
webdunia
महबूबा मुफ्ती की बेटी ने पूर्व में सरकार को पत्र लिखकर पीडीपी मुखिया को रिहा किए जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला हुआ है। साथ ही इससे निजात पाने के लिए कोई टीका या दवाई भी अभी तक नहीं बनी है।
 
इन सभी पहलुओं को देखते हुए मेरी मां व जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा सहित अन्य लोगों को रिहा किया जाए। दूसरी ओर PSA के तहत प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद 18 लोगों को रिहा करने का फैसला किया है। यह फैसला कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर लिया गया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों से सोमवार देर रात को पीएसए हटाने का फैसला लिया गया है, उनमें से 16 सेंट्रल जेल श्रीनगर में बंद हैं।
 
एक कोट भलवाल जेल व एक पुलवामा स्थित कारागार में बंद है। कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के बाद पीएसए के तहत रिहा किए जाने वाले लोगों की संख्या 65 हो गई है।
 
बीते सप्ताह जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने उच्चाधिकार समिति को जेलों में बंद कैदियों की संख्या को घटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया था। समिति में राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस राजेश बिंदल, गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा और महानिदेशक कारावास वीके सिंह शामिल हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सोनिया गांधी का मोदी से आग्रह, Corona संकट के मद्देनजर मितव्ययिता के कदम उठाएं