इंदौर। यूं तो सभी मेडिक्लेम पॉलिसियों में कोरोनावायरस (Coronavirus) से जुड़ी बीमारियां कवर हैं, लेकिन आईआरडीए (IRDA) की गाइडलाइन के अनुसार जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने कोरोना स्पेशल पॉलिसियां लांच की हैं, जो सिर्फ कोरोना संक्रमण के लिए ही हैं। इसके अलावा कंपनियों ने इस बात का भी विशेष ध्यान रखा कि लॉकडाउन पीरियड में ग्राहकों को क्लेम सैटलमेंट में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
दि ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के उप महाप्रबंधक रमेश चंद्र बिड़ला ने वेबदुनिया से बातचीत में न सिर्फ नई पॉलिसियों के बारे में बात की बल्कि कोरोना काल में कंपनी की कार्यशैली, व्यवसाय आदि से जुड़े मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अन्य क्षेत्रों की तरह इंश्योरेंस सेक्टर पर भी लॉकडाउन का असर पड़ा। इस अवधि में चूंकि फैक्ट्रियां बंद थीं, सड़कों पर वाहन नहीं थे, नए वाहन बिक नहीं रहे थे, अत: ओरिएंटल कंपनी का बिजनेस 40-45 फीसदी तक सिमटकर रह गया। इस दौरान ज्यादातर मेडिक्लेम पॉलिसियों पर ही काम हुआ।
बिड़ला ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने अपने एजेंट और विकास अधिकारियों के माध्यम से इस बात का प्रयास किया कि ग्राहकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से पॉलिसी नवीनीकरण की व्यवस्था की गई। क्लैम सैटलमेंट का भी खास ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का असली फायदा ही कोरोना काल में देखने को मिला। वर्चुअल पेमेंट के कारण ही हम इन हालात में लड़ पाए।
इतिहास में पहली बार : रमेश चंद्र बिड़ला बताते हैं कि कोरोना काल में ओरिएंटल ने भी इतिहास रचा। सरकारी गाइड लाइन के अनुसार पहली बार ऐसा हुआ जब ग्राहक को बिना प्रीमियम भरे मेडिक्लेम की राशि मिली। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ग्राहक मेडिकल पॉलिसियों के नवीनीकरण नहीं करा पाए। अत: 23 मार्च से 15 मई के बीच उन्हें खास सुविधा प्रदान की गई। इस अवधि में यदि वे पॉलिसी रिन्यू नहीं भी करा पाए तो भी उन्हें क्लेम की पात्रता दी गई। हालांकि बाद भी सभी ने पॉलिसी का नवीनीकरण कराया।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में खासकर हमने क्लेम सैटलमेंट से जुड़ी समस्याओं की लगातार मॉनिटरिंग की। नेटवर्क वाले अस्पतालों में 2 घंटे के भीतर अप्रूवल की व्यवस्था की गई। हालांकि इस अवधि में फायर, मरीन आदि पॉलिसियों के क्लेम में जरूर परेशानी आई, लेकिन ऑफिस खुलने के बाद उनका प्राथमिकता से निपटारा किया गया।
अब हालात सुधरे : बिड़ला कहते हैं कि धीरे-धीरे स्थितियां सुधर रही हैं और कंपनी एक बार फिर कोरोना से पहले की स्थिति की ओर बढ़ रही है। चूंकि अभी बसें सड़कों पर नहीं हैं, फैक्ट्रियां भी पूरी क्षमता से शुरू नहीं हो पाई हैं, इसलिए इन क्षेत्रों से बीमा प्रीमियम पूरी तरह से नहीं आ पा रहा है। जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य होंगी इंश्योरेंस सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा। कार्यालयों में भी अब पूरी क्षमता से काम हो रहा है, लेकिन हमने दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं को वर्क फ्रॉम की सुविधा दी है।
कोरोना पॉलिसी : रमेश चंद्र बिड़ला बताते हैं कि ओरिएंटल ने कोरोना को ध्यान में रखकर 2 नई पॉलिसियां जारी की हैं। एक कोरोना कवच तथा दूसरी कोरोना रक्षक। 18 से 65 वर्ष का कोई भी व्यक्ति इन पॉलिसियों को खरीद सकता है। इनकी अवधि साढ़े 3 माह, साढ़े 6 माह और साढ़े 9 माह है। 50 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का सुरक्षा कवच इन पॉलिसियों के माध्यम से व्यक्ति को मिलता है। सबसे खास बात यह है कि इसमें पॉलिसी से पहले मेडिकल चैकअप की भी जरूरत नहीं है।