नई दिल्ली। भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के नए स्वरूप बी.1.1.1.529 पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में इसकी मौजूदगी का अभी तक पता नहीं चला है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
दक्षिण अफ्रीका में सामने आए नए स्वरूप में स्पाइक म्यूटेशन की अधिक मात्रा होने की आशंका है। दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इसके 22 मामलों की पुष्टि की है। इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, आईएनएसएसीओजी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि कंसोर्टियम स्वरूप बी.1.1.1.529 नामक कोविड-19 के नए स्वरूप पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में अभी तक इसकी उपस्थिति का पता नहीं चला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आईएनएसएसीओजी इस प्रकार की मौजदूगी की जांच करने और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के सकारात्मक नमूनों के जीनोम विश्लेषण के परिणामों में तेजी लाने के लिए स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है। इस मामले पर समीक्षा बैठक भी होने की बात सामने आई है।
एक सूत्र ने कहा कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नमूने हमेशा की तरह एकत्र किए जा रहे हैं और सकारात्मक नमूनों को विशेष रूप से प्राथमिकता के आधार पर बी1.1.529 के जांच के लिए देखा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय और जैव प्रौद्योगिकी विभाग पहले ही स्थिति की समीक्षा कर चुके हैं।
केंद्र ने बृहस्पतिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना से आने वाले या इन देशों के रास्ते आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग और जांच की जाए। इन देशों में कोविड-19 के गंभीर जनस्वास्थ्य प्रभावों वाले नए स्वरूप सामने आने की सूचना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव अथवा सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में, उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि संक्रमित पाए गए यात्रियों के नमूने तुरंत निर्दिष्ट जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं।
पत्र में कहा गया था कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा अब यह सूचित किया गया है कि बोत्सवाना (तीन मामले), दक्षिण अफ्रीका (छह मामले) और हांगकांग (एक मामला) में कोविड-19 के स्वरूप बी.1.1529 के मामले सामने आए हैं।(भाषा)