नई दिल्ली। कोविड-19 का स्वदेशी टीका को-वैक्सीन (Covaxin) सुरक्षित है और यह बगैर किसी गंभीर दुष्प्रभाव के प्रतिरक्षा क्षमता (Immunity) विकसित करता है। द लांसेट इंफेक्शियस डिजिजेड जर्नल में प्रकाशित दूसरे चरण के अंतरिम नतीजों में यह दावा किया गया है। हालांकि टीके के तीसरे चरण के नतीजे भी सामने आ चुके हैं।
अध्ययन के लेखकों ने यह जिक्र किया है कि दूसरे चरण के नतीजों ने बीबीवी152 कूट नाम वाले टीके की प्रभाव क्षमता का आकलन नहीं किया। भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे के साथ मिलकर यह टीका विकसित किया है। सरकार ने इस टीके की आपात उपयोग की मंजूरी दी है।
को-वैक्सीन के आपात उपयोग के लिए भारत के औषधि नियामक द्वारा मंजूरी दिए जाने को लेकर शुरुआत में विशेषज्ञों ने कुछ आशंका प्रकट की थी।
नवीनतम अध्ययन भारत बायोटेक की इस घोषणा के एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि टीके ने तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में 81 प्रतिशत प्रभाव क्षमता प्रदर्शित की है। इस अध्ययन के नतीजे अभी प्रकाशित किए जाने बाकी है। दूसरे चरण का परीक्षण 12 से 65 वर्ष के आयु समूह के लोगों पर 9 राज्यों के 9 अस्पतालों में किया गया।