सेना लाई अहम तकनीक, किफायती तरीके से यूं तरल से गैस रूप में बदलेगी ऑक्सीजन

Webdunia
बुधवार, 19 मई 2021 (22:36 IST)
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने बुधवार को कहा कि उसने तरल ऑक्सीजन को कम दबाव वाले ऑक्सीजन गैस में तब्दील करने का समाधान ढूंढ लिया है जिन्हें अस्पताल में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 
के रोगियों को दिया जाएगा।

सेना ने बयान जारी कर कहा, सात दिनों से अधिक समय से सेना के इंजीनियरों ने सीएसआईआर और डीआरडीओ के सहयोग से यह समाधान ढूंढा है। सीएसआईआर (वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् है जबकि डीआरडीओ) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन है।
ALSO READ: Coronavirus महामारी के दौर के 10 सबक, आपने नहीं सीखे क्या?
बयान में कहा गया है, चूंकि ऑक्सीजन को क्रायोजेनिक टैंक में तरल प्रारूप में ढोया जाता है, इसलिए तरल ऑक्सीजन को ऑक्सीजन गैस में जल्द परिवर्तित करना अस्पतालों के लिए बड़ी चुनौती थी।

इसने बताया कि इंजीनियरों ने स्व दबाव वाले कम क्षमता के (250 लीटर) तरल ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल किया और इसे विशेष रूप से बनाए गए वाष्पीकरण एवं सीधे इस्तेमाल वाले लीक प्रूफ पाइपलाइन के आउटलेट प्रेशर (चार बार) और प्रेशर वॉल्व से गुजारा।
ALSO READ: केंद्र सरकार की चेतावनी, 98 प्रतिशत आबादी अभी भी आ सकती है Coronavirus की चपेट में
भारत कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई राज्यों में टीका, ऑक्सीजन, दवाएं, उपकरण और बिस्तरों की काफी किल्लत है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भारत को चीन से कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

Apple का सस्ता मोबाइल, iphone 15 से कम कीमत, मचा देगा तूफान, जानिए क्या होंगे फीचर्स

दिल्ली में आज क्‍यों आया भूकंप, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब

Vivo V50 price : दमदार AI फीचर्स, 50 MP कैमरा, वीवो का सस्ता स्मार्टफोन मचाने आया धमाल, जानिए फीचर्स

सभी देखें

नवीनतम

उत्तराखंड हाईकोर्ट का सवाल, लिव-इन का पंजीकरण गोपनीयता पर हमला कैसे?

कनाडा में रनवे पर पलटा विमान, 80 लोग थे सवार

LIVE: महाकुंभ में भगदड़ पर यूपी विधानसभा के बाहर सपा का प्रदर्शन

CEC पद पर ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति से क्यों नाराज हैं कांग्रेस?

जेडी वैंसः यूरोप को चीन और रूस नहीं अपनी नीतियां से खतरा

अगला लेख
More