नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को इस बात पर नाराजगी जताई कि वुहान में कोरोना विषाणु की महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा एवं राहत सामग्री वाले विमान को 2 दिन के इंतजार के बाद भी चीन सरकार की ओर से वहां आने की अनुमति नहीं मिली है।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि राहत सामग्री वाले विमान से वुहान में फंसे भारतीयों को वापस लाना है और चीन सरकार जान-बूझकर विमान की अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने कहा था कि विमान को अविलंब अनुमति दी जाएगी। शुक्रवार को विमान को रवाना होना था लेकिन 2 दिन के इंतजार के बाद भी अनुमति नहीं मिली है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखकर इस त्रासदी को लेकर भारत की सरकार एवं जनता की ओर से एकजुटता व्यक्त की और चीन की आवश्यकता अनुसार सहायता की पेशकश की थी।
भारत सरकार ने अपने वचन के अनुरूप और भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ पर चीन की जनता के प्रति एकजुटता की भावना से चिकित्सा एवं राहत सामग्री भेजने का निर्णय लिया। विमान में भेजी जाने वाली सामग्री में दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग और इन्फ्यूजन पंप तथा डिफिब्रिलेटर शामिल हैं जिसकी चीन की तरफ से आवश्यकता बताई गई थी।
इस बीच वुहान में भारतीय नागरिकों को स्वदेश लौटने के लिए विमान का बहुत लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इस विलंब से उनको और भारत में उनके परिवारों को बहुत मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। अन्य देशों से चिकित्सा एवं राहत सामग्री लाने वाले और अपने नागरिकों को निकालने वाले विमान आ-जा रहे हैं।
सूत्रों ने सवाल किया कि आखिर चीन सरकार विमान को अनुमति देने में विलंब क्यों कर रही है? क्या वह भारत की सहायता लेने की इच्छुक नहीं है? उन्होंने यह भी पूछा है कि चीन से भारत के लोगों की वापसी को क्यों बाधित किया जा रहा है, जो इस समय बेहद कठिनाइयों और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।