भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। आज प्रदेश में कुल 22 नए केस रिपोर्ट हुए है। वहीं एक दिन पहले प्रदेश में 18 केस सामने आए थे। गौरतलब है कि प्रदेश में 2 दिन में कोरोना के नए केसों की संख्या दोगुनी हो गई है। प्रदेश में 2 सितंबर को 11 केस आए थे।
प्रदेश में कोरोना के केस बढ़ने क बाद सरकार फिर अलर्ट मोड पर आ गई है। मुख्यमंत्री ने कोरोना समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते केस इस बात का संकेत है कि हम सावधान हो जाएं। जिस भी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत है,अस्पताल जाकर परामर्श लेना चाहिए। वहीं जिन जिलों में लगातार पॉजिटिव केस आ रहे है वहां पर विशेष सतर्कता बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप और और प्रभारी मंत्री लगातार संवाद कर संक्रमण के स्थिति का जायजा लेते रहें। इसे खतरे की घंटी माने और सभी सावधान हों। बैठक में मुख्यमंत्री ने सागर और जबलपुर में कोरोना के केस बढ़ने पर कलेक्टर से भी चर्चा कर पॉजिटिव प्रकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा प्रतिदिन मॉनिटर किया जाए, कांटेक्ट ट्रेसिंग भी की जाए ताकि आवश्यक उपायों को लागू कर संक्रमण न फैले ,इसे सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में विभिन्न मदों से 190 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य है और अब 88 संयंत्र लगाए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सभी संभावित आवश्यकताओं को देखते हुए ऑक्सीजन संयंत्र ऑपरेशनल स्थिति में हों, यह सुनिश्चित किया जाए।इनका कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाए ।
बैठक में वैक्सीनेशन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि मध्य प्रदेश 72 प्रतिशत प्रथम डोज वैक्सीनेशन कार्य पूर्ण कर गुजरात के बाद देश के दूसरे अग्रणी प्रांत में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धार, भिंड, सतना और श्योपुर में वैकसीनेशन की रफ्तार बढ़ा दी जाए इन जिलों में अब तक 50 फीसदी ही वैक्सीनेशन हुआ है। प्रदेश के इंदौर और भोपाल वैक्सीनेशन में सबसे आगे हैं। वहीं आगर मालवा और सीहोर जिले भी 85 से 90 प्रतिशत पात्र नागरिकों का वैक्सीनेशन करवाकर अग्रणी जिलों में शामिल हैं।