मुंबई। महानगर में 12वीं जीनोम अनुक्रमण श्रृंखला के दौरान 279 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 278 नमूने सार्स-कोव-2 वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप और एक नमूना डेल्टा स्वरूप से संक्रमित पाया गया। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नागरिक निकाय ने कहा कि बीएमसी द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल की जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला में 12वीं श्रृंखला के अनुक्रमण में 279 कोविड-19 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 202 नमूने मुंबई से एकत्र किए गए थे और शेष नमूने शहर से बाहर के थे। निकाय ने बताया कि मुंबई के 202 नमूनों में से 201 (99.5 प्रतिशत) नमूने ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए और एक नमूना डेल्टा स्वरूप से संक्रमित मिला।
बीएमसी के अनुसार 202 रोगियों में से 24 (12 प्रतिशत) 20 वर्ष तक के आयु वर्ग, 88 (44 प्रतिशत) 21 से 40 वर्ष के आयु वर्ग, 52 रोगी (26 प्रतिशत) 41 से 60 वर्ष के आयु वर्ग, 32 रोगी (13 प्रतिशत) 61 से 80 वर्ष के आयु वर्ग के और केवल 5 रोगी (2 प्रतिशत) 80 वर्ष से ऊपर थे। बीएमसी ने बताया कि 20 वर्ष तक के आयु वर्ग के सभी 24 मरीजों के नमूने कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमित पाए गए लेकिन उनमें से किसी में भी बीमारी का कोई गंभीर लक्षण नहीं था।
नगर निकाय के मुताबिक इन 202 रोगियों में से 2 ने कोविड-19 टीके की केवल पहली खुराक ली थी जबकि 129 रोगियों ने दोनों खुराक हासिल कर रखी थी जिनमें से 9 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था और केवल 1 को आईसीयू में रखने की नौबत आई थी।
बीएमसी ने कहा कि 202 मरीजों में से 71 ने कोविड-19 टीके की एक भी खुराक नहीं लगवाई थी। उनमें से 9 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन केवल 2 को ही आईसीयू में रखना पड़ा। इनमें से 1 की मौत हो गई। 14 मई से 24 मई के बीच ओमिक्रॉन से संक्रमित मिले 201 मरीजों में से 3 मरीज बीए.4 और 1 मरीज बीए.5 उपस्वरूप से संक्रमित थे।