IMA ने उठाए बाबा रामदेव की Coronil दवा पर सवाल, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की आलोचना

Webdunia
मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021 (01:10 IST)
नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने योगगुरु बाबा रामदेव के अपनी आयुर्वेदिक दवा कोरोनील को कोविड-19 के लिए पहली साक्ष्य आधारित दवा होने और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इसे प्रमाणित किए जाने संबंधी सभी दावों को साफ खारिज कर दिया। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर ऐसे दावों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रहार किया और उनकी आलोचना की।

आईएमए ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एक उद्यमी द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में पेश की गई गुप्त दवा के लिए डब्ल्यूएचओ सर्टिफिकेशन के स्पष्ट झूठ को बोलने के लिए हैरान है।

आईएमए ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि उसने पतंजलि की कोविड-19 दवा की प्रभावशीलता की न तो समीक्षा की है और न ही इसे प्रमाणित किया है। आईएमए ने कहा कि उक्त कोरोनावायरस दवा के सभी अनुमान झूठे हैं।

एसोसिएशन ने पतंजलि की दवा के लॉन्च समारोह में भाग लेने और इसे बढ़ावा देने के लिए डॉ. हर्षवर्धन की आलोचना की। आईएमए ने बयान में कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के कोड के अनुसार, कोई भी डॉक्टर किसी भी दवा को बढ़ावा नहीं दे सकता है।

आईएमए ने यह भी कहा कि किसी भी दवा को उसकी रचना के ज्ञान के बिना बढ़ावा देना या जिसकी रचना का उल्लेख नहीं है, फिर से अनैतिक है। संघ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से दवा के नैदानिक परीक्षणों के वैज्ञानिक प्रमाण और डेटा को सार्वजनिक करने के लिए भी कहा। आईएमए ने सवाल किया कि अगर पतंजलि की दवा (कोरोनील) इतना प्रभावी है तो सरकार टीकाकरण कार्यक्रम पर 35 हजार करोड़ रुपए क्यों खर्च कर रही है।

गौरतलब है कि गत 19 फरवरी को पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने दावा किया है कि वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर कोरोनील दवा कोरोना के उपचार के लिए कारगर साबित हुई है। योगगुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कोरोनील को जारी करते हुए कहा कि यह दवा वैज्ञानिक मापदंडों पर खरी उतरी है तथा इसको लेकर नौ शोध पत्र दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभाव वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं जबकि 16 पर काम जारी है।

उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले कोरोनील के वैज्ञानिक मापदंडों को लेकर सवाल उठाए गए थे। आयुर्वेद के शोध को लेकर संदेह किए जाते हैं लेकिन पतंजलि ने ऐसी धारणाओं को खारिज कर दिया है। अब संदेह के बादल छंट गए हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पतंजलि के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद भी थे।

रामदेव ने कहा कि कोरोनील दवा साक्ष्यों पर आधारित पुख्ता दवा है जिसे आयुष मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए सहायक उपाय के तौर पर स्वीकार कर लिया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको प्रमाण पत्र दे दिया है। उन्होंने कहा कि हमने वैज्ञानिक पद्धति से कोरोनील पर अनुसंधान किए हैं। अब सारे प्रमाण पत्रों के साथ हमारे पास 250 से ज्यादा शोध पत्र हैं जिसमें अकेले कोरोना के ऊपर 25 शोध किए गए हैं।(वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

ओडिशा की घटना पर प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ें, महिला आयोग संज्ञान ले : सुप्रिया श्रीनेत

गृहमंत्री अमित शाह ने बताई नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन

Bengal Flood : ममता बनर्जी ने बाढ़ को बताया साजिश, PM मोदी को लिखा पत्र, दी यह चेतावनी

Tirupati Laddu Controversy : जेपी नड्डा ने CM चंद्रबाबू से मांगी रिपोर्ट, बोले- जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई

इस बार कश्मीर के चुनाव मैदान में हैं 25 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमायते इस्लामी के सदस्य

अगला लेख
More