कोलकाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 संक्रमण की त्वरित जांच के लिए कम कीमत वाला एक उपकरण विकसित किया है और दावा किया है कि इससे गरीबों को लाभ होगा।
परियोजना का नेतृत्व कर रहे दो व्यक्तियों में से एक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि ‘कोविरैप’ नामक उपकरण से मात्र 400 रुपए में त्वरित जांच की जा सकेगी और एक घंटे के भीतर जांच का नतीजा मोबाइल ऐप पर देखा जा सकेगा।
चक्रवर्ती ने कहा कि उपकरण की कीमत दो हजार रुपए होगी और बड़े स्तर पर उत्पादन होने से मूल्य घट सकता है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला के उपकरणों से की गई जांच के मुकाबले कोविरैप से अधिक सरलता से जांच की जा सकती है और इससे प्राप्त नतीजे आरटी-पीसीआर जांच जितने ही सटीक होंगे।
उन्होंने कहा कि एक उपकरण से कई जांच की जा सकती है और इसके लिए प्रत्येक जांच के बाद केवल कागज के कार्टरिज बदलने होंगे।
प्रोफेसर ने कहा कि यह उपकरण सीमित संसाधन वाले लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है और इसे चलाने के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जांच के लिए जो तकनीक इस्तेमाल की जा रही है वह बहुत महंगी है। इसके अतिरिक्त अवसंरचनात्मक आवश्यकताएं भी हैं। हमने महसूस किया कि इसका विकल्प आरटी-पीसीआर मशीनों जैसे उपकरण में बदलाव कर उत्पन्न नहीं किया जा सकता। हमने सोचा कि इसके लिए अलग हटकर कुछ करना होगा और जांच की नई तकनीक सामने लानी होगी जो चिकित्सा के मानकों पर खरी उतरे।
अनुसंधानकर्ताओं के दल में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ता शामिल हैं, जिनका नेतृत्व प्रोफेसर चक्रवर्ती कर रहे हैं और स्कूल ऑफ बायोसाइंस के शोधकर्ताओं का नेतृत्व सहायक प्रोफेसर अरिंदम मंडल कर रहे हैं।
मंडल ने कहा कि कहीं भी ले जाए जा सकने वाला यह उपकरण न केवल कोविड-19 की जांच करने में सक्षम है बल्कि उसी प्रक्रिया से किसी भी आरएनए वायरस का पता लगा सकता है।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वीके तिवारी ने कहा कि इस नवाचार का लक्ष्य आम लोगों को कम कीमत पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य तकनीक उपलब्ध कराना है। वैश्विक स्तर पर महामारी के प्रबंधन में यह उल्लेखनीय योगदान होगा। (भाषा)