नई दिल्ली। अब RT-PCR के लिए स्वाब टेस्ट की जरूरत नहीं होगी। केवल कुल्ला करने से ही यह जांच की जा सकेगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे अनुमति दे दी है।
नागपुर के नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के तहत RT-PCR जांच का नया तरीका खोज निकाला है। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति महज तीन घंटों में ही कोविड टेस्ट कर सकेगा।
हाल ही में पुणे की फार्मा कंपनी को रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की अनुमति मिली थी, जिसमें महज 15 मिनट में जांच के नतीजे मिलने की बात कही जा रही थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने एनवायरमेंटल वायरोलॉजी सेल के सीनियर साइंटिस्ट डॉक्टर कृष्ण कुमार कैमर के हवाले से लिखा है कि सैंपल कलेक्ट करने और उसे प्रोसेस करने का यह तरीका RNA निकालने पर होने वाले खर्च को बचाने के लिए तैयार करेगा। चूंकि यह तरीका सेल्फ सैंपलिंग का है, तो लोग खुद की जांच कर सकते हैं।
आमतौर पर RT-PCR जांच स्वाब के जरिए की जा रही है। इसके तहत व्यक्ति के नाक और गले से सैंपल हासिल किया जाता है। नए 'सेलाइन गार्गल' में एक ट्यूब शामिल होगा। सेलाइन को मुंह में रखकर 15 सेकंड तक गरारा करना होगा। इसके बाद तरल को ट्यूब में थूक देकर जांच के लिए भेजा जा सकेगा। लैब में जाने के बाद इस सैंपल को नीरी के तैयार विशेष सॉल्युशन में रूम टेम्प्रेचर पर रखा जाएगा। सॉल्युशन के गर्म होने पर RNA टेम्प्लेट तैयार होगी। इस सॉल्युशन को आरटी-पीसीआर के लिए ले जाया जाएगा।