नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु दर 2.87 प्रतिशत है जो इस महामारी से अधिक प्रभावित देशों में सबसे कम है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि भारत में हुए अध्ययनों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का कोई प्रमुख दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है और विशेषज्ञों की देखरेख में इसका प्रयोग कोविड-19 के एहतियाती इलाज में जारी रखा जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड-19 मामलों के ठीक होने की दर में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई है।
उन्होंने कहा कि देश में ठीक होने की दर में सुधार जारी है और यह वर्तमान में 41.61 प्रतिशत है। कोविड-19 से मृत्यु की दर 15 अप्रैल को 3.3 प्रतिशत थी जो कम होकर 2.87 प्रतिशत हो गई है जो कि विश्व में सबसे कम है। अग्रवाल ने कहा कि दुनिया में संक्रमण से मृत्यु दर 6.4 प्रतिशत है।
देश में पिछले पांच दिन से लगातार संक्रमण के 6,500 नए मामले आ रहे हैं और यह महामारी से बुरी तरह प्रभावित 10 शीर्ष देशों में शामिल हो गया है। दुनिया में भारत में कोविड-19 से मृत्युदर सबसे कम होने की वजह के सवाल पर आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि इसके पीछे कोई प्रामाणिक कारण नहीं है।
उन्होंने कहा कि आश्चर्यजनक तरीके से भारत में कम मृत्यु दर है और यह बहुत अच्छी बात है। अंतत: हमारी दिलचस्पी रोगी के सही होने में है, भले ही उसे कोविड-19 संक्रमण हो या नहीं।
भार्गव ने कहा कि कई तरह की अवधारणाएं हैं जैसे कि हमारी प्रतिरक्षा क्षमता अधिक होती है और हमें बीसीजी तथा टीबी के टीके दिए गए हैं, लेकिन ये सभी अवधारणाएं हैं और हम इस बारे में साफ-साफ कुछ नहीं कह सकते।
हालांकि अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 से क्रमिक तरीके से निपटने, मामलों की समय पर पहचान और उनके क्लीनिकल प्रबंधन ने मृत्युदर कम रखने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर मामलों की पहचान हो जाती है तो वे गंभीर नहीं होते और मृत्युदर खुद ही कम हो जाती है।
जब अग्रवाल से पूछा गया कि क्या हम अन्य देशों की तुलना में मृत्युदर कम बताकर जल्द महामारी पर विजय पाने की घोषणा की जा रही है तो उन्होंने कहा कि हम कोई जीत की घोषणा नहीं कर रहे। अगर आपको याद हो तो हमने हमेशा कहा है कि हम लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें आज जो भी सफलता मिलती है, अगर हम लापरवाही बरतने लगे तो हम हार जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमने सभी समुदायों, सभी नागरिकों के साथ काम करना शुरू किया और इस लड़ाई में हम उन्हें साथ लाए। हम इस बात को रेखांकित करना चाह रहे हैं कि अभी तक हम इसे संभालने में सफल रहे हैं लेकिन लड़ाई समाप्त नहीं हुई है। देश के सभी नागरिक सहयोग करें तभी लड़ाई सफल होगी।
अग्रवाल ने दूसरे देशों के आंकड़े बताते हुए कहा कि भारत में प्रति लाख आबादी में मृत्युदर 0.3 प्रतिशत है जबकि दुनियाभर में 1 लाख लोगों में 4.5 की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो रही है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन, समय पर मामलों की पहचान और कोविड-19 के मामलों के प्रबंधन से यह संभव हुआ है। (भाषा)