Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कोविड राहत पैकेज: मई में सरकार ने मदद के लिए खोले हाथ, 55 करोड़ लोगों को दिया मुफ्त राशन

हमें फॉलो करें कोविड राहत पैकेज: मई में सरकार ने मदद के लिए खोले हाथ, 55 करोड़ लोगों को दिया मुफ्त राशन
, शुक्रवार, 4 जून 2021 (08:08 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को कहा कि उसने महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोगों को राहत प्रदान करने की एक योजना के तहत मई में करीब 55 करोड़ लोगों को 28 लाख टन खाद्यान्न मुफ्त उपलब्ध कराया। यह वितरण राशन की दुकानों के जरिए किया गया।
 
साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत जून में अब तक 2.6 करोड़ लाभार्थियों को 1.3 लाख मेट्रिक टन गेहूं और चावल उपलब्ध कराया गया है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।
 
उन्होंने पीएमजीकेएवाई योजना के कार्यान्वयन की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अब तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के डिपो से 63.67 लाख टन (मई और जून के लिए योजना तहत किए जाने वाले कुल आवंटन का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा) से ज्यादा खाद्यान्न ले चुके हैं।
 
योजना के तहत केंद्र सरकार 2 महीने (मई-जून 2021) के लिए मुफ्त खाद्यान्नों का वितरण कर रही है। वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत शामिल करीब 79.39 करोड़ लाभार्थियों को प्रति महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न का वितरण कर रही है।
 
योजना के तहत करीब 80 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। यह वितरण मौजूदा खाद्य कानून के तहत लाभार्थियों को मिलने वाले नियमित आवंटन से इतर किया जा रहा है।
 
पांडे ने कहा कि मई 2021 के लिए करीब 55 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को लगभग 28 लाख टन और जून 2021 के लिए करीब 2.6 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को लगभग 1.3 लाख टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है। उनके मुताबिक गुरुवार तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मई में 90 प्रतिशत और जून 2021 में 12 प्रतिशत लाभार्थियों को खाद्यान्न का वितरण किया गया।
 
मई, जून माह में 13,000 करोड़ रुपए से अधिक सब्सिडी दी जा चुकी है। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दोनों महीनों के लिए 9,200 करोड़ रुपए से अधिक सब्सिडी दी गई है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोविड-19 वैक्सीन की दो अरब डोज़ बनी लेकिन कहां गईं?