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Lockdown में खुशियों की दस्तक, जिसकी तेरहवीं कर दी, 3 साल बाद घर लौट आया...

हमें फॉलो करें Lockdown में खुशियों की दस्तक, जिसकी तेरहवीं कर दी, 3 साल बाद घर लौट आया...

कीर्ति राजेश चौरसिया

, बुधवार, 13 मई 2020 (12:32 IST)
Corona Lockdown के दौर में देशभर से डराने और दहलाने वाली खबरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। मगर इसी कड़ी में एक खबर ऐसी भी आई, जहां परिजनों के चेहरे खिल गए। दरअसल, जिसे मृत समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था, वही बेटा घर लौट आया। 
 
मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के बिजावर में एक किशोर उदय कुमार के लौटने से परिजनों के चेहरे खिल गए। तीन साल पहले इस किशोर को मरा हुआ समझकर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार करने के साथ ही तेरहवीं भी कर दी थी। वही बेटा लॉकडाउन में रविवार को घर लौट आया।
 
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हालांकि इस खबर के सामने आने के बाद जहां परिजनों में खुशी और कौतूहल है, वहीं पुलिस परेशान हो गई है। क्योंकि अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस कंकाल की तीन साल पहले अंत्येष्टि की गई थी आखिर वह किसका था। बताया जा रहा है कि अब पुलिस उस अज्ञात कंकाल के मामले में फिर से खोलने की तैयारी कर रही है। 
 
क्या है पूरा मामला : छतरपुर जिले के मोनासैया के जंगल में 3 साल पहले एक नर कंकाल मिला था। कपड़ों के आधार पर पुलिस ने कंकाल शाहगढ थाना क्षेत्र के डिलारी गांव निवासी भगोला आदिवासी को सौंपा दिया था, जिसका 13 वर्षीय पुत्र उदय कुमार गायब हो गया था। परिजनों ने कंकाल को उदय मानकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। 
 
उदय कुमार आदिवासी ने बताया कि वह घर से परेशान होकर 3 वर्ष पूर्व दिल्ली चला गया था। उसके बाद गुड़गांव में 3 वर्ष से काम करके अपनी गुजर-बसर कर रहा था। लेकिन, कोरोना वायरस के चलते पिछले 2 माह से काम बंद होने से वह परेशान हो गया था। सभी मजदूरों को प्रशासन की देख-रेख में अपने-अपने गांव वापस भेजने का प्रबंध किया जा रहा था। इसी दौरान उदय कुमार आदिवासी भी रविवार को किसी तरह अपने गांव डिलारी पहुंच गया और परिजनों से जा मिला।
  

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