बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामलु ने रविवार को बताया कि विदेश यात्रा कर कलबुर्गी आए 16 लोगों को उनके घर में ही पृथक रखा गया है। मंत्री ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से पहली मौत के बाद मुख्यमंत्री बीएस एदियुरप्पा के निर्देश पर वह अस्पतालों का दौरा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं अस्पतालों का दौरा कर रहा हूं और देख रहा हूं कि पृथक वार्ड कैसे काम कर रहे हैं। श्रीरामलु ने कलबुर्गी में कहा, कलबुर्गी में विदेश से लौटे ऐसे 16 लोग हैं। उन्हें 14 दिनों के लिए घर में ही पृथक रखा गया है। हम उनपर करीबी नजर रख रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि 10 मार्च को जिस स्थान पर 72 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई थी उसके 5 किलोमीटर के दायरे में ‘बफर जोन’ बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार के 4 संदिग्धों में से तीन में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
श्रीरामलु ने कहा, भयभीत होने की जरूरत नहीं है अगर वे वायरस के संपर्क में आने से संक्रमित पाए भी जाते हैं तो भी डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने दावा किया कि दुनियाभर में 63,000 लोग इस संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। मंत्री ने कहा कि विदेश से राज्य में आने वाले लोगों के लिए 14 दिनों तक निगरानी में रहना जरूरी है।
मास्क पहनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसको जुकाम और खांसी है उन्हें ही इसे पहनने की जरूरत है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की निगरानी की जा रही है और एहतियातन समुदाय स्तर पर जांच की जा रही है।
विभाग ने बताया, 56 लोगों के सीधे संपर्क में और 400 लोगों के परोक्ष रूप से संपर्क में आने वालों की पहचान की गई है। परिवार के सात सदस्यों को कलबुर्गी के जिला अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी कर्नाटक उच्च न्यायालय को दी गई है।
विदेश से आने वाले लोगों की जांच के लिए बेंगलुरु हवाई अड्डे पर अतिरिक्त डेस्क बनाया गया गया है। नए परिपत्र में वृहद बेंगलुरु महानगरपालिका के आयुक्त ने निर्देश दिया है कि विवाह घर में शादी समारोह आयोजित करने वाले सुनिश्चित करें कि 100 से अधिक लोग एकत्र न हो।