Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

उत्तर प्रदेश में Corona मरीजों को बांटी एक्सपायर दवा, कारण बताओ नोटिस जारी...

हमें फॉलो करें उत्तर प्रदेश में Corona मरीजों को बांटी एक्सपायर दवा, कारण बताओ नोटिस जारी...
, गुरुवार, 27 मई 2021 (22:43 IST)
एटा (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए सरकार द्वारा बांटी जाने वाली दवाओं में एक एक्सपायर दवा वितरित किए जाने का मामला सामने आने के बाद संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब-तलब किया गया है।

जिलाधिकारी विभा चहल ने एक्सपायर दवा वितरित किए जाने की शिकायत पर मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रदेश में कोविड के मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की यह दूसरी बड़ी लापरवाही सामने आई है। इससे पहले सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्य कर्मियों ने जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 20 लोगों को पहली खुराक में कोविशील्ड और दूसरी खुराक में कोवैक्सीन लगा दी थी।

एटा के मामले में जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 के मरीजों को उपचार के लिए मिलने वाली दवाओं की किट में एक एक्सपायर दवा वितरित किए जाने की जिलाधिकारी से शिकायत की गई थी।

उन्होंने बताया कि जांच में वह सही पाई गई, तो स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अमृत सिंह, मलेरिया निरीक्षक गजेंद्र सिंह, श्यामसुन्दर और दीपक कुमार समेत छह कर्मचारियों को इस लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही दवा औषधि कॉर्पोरेशन के प्रभारी तथा अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रामसिंह को भी नोटिस जारी किया गया है, जहां से जनवरी में एक्सपायर हुई दवा मरीजों को बांटने के लिए दी गई और शीघ्र ही इसकी जांच कराके दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में बनाए गए कोविड नियंत्रण कक्ष से इस महामारी को नियंत्रण करने के लिए वितरित की जाने वाली दवाओं की किट तैयार कराके वितरित कराने का जिम्मा डॉक्टर सतीश नागर व मलेरिया अधिकारी लोकमन सिंह का है।

लोकमन सिंह ने एक्सपायर दवा के वितरण के सम्बन्ध में बताया कि किट में शामिल करने से पहले हर दवा की एक्सपायरी तिथि की जांच की गई थी लेकिन औषधि भंडार से आए एक दवा के डिब्बे की एक्सपायरी जनवरी में ही पूरी हो गई थी और गलती से वह दवा भी गिफ्ट में पैक करके वितरित कर दी गई।

सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर सभी शहरी क्षेत्र में दवा वितरित कर रही 20 टीमों की दवा वापस मंगा ली गई है और उनकी जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले सिद्धार्थनगर में स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी जब जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 20 लोगों को पहली डोज में कोविशील्ड और दूसरी डोज में कोवैक्सीन लगा दी गई थी। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ALSO READ: खुशखबर, Coronavirus के खात्मे के लिए 2 दवाओं की खोज, साइडइफेक्ट भी कम
इस लापरवाही के बारे में पूछे जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संदीप चौधरी ने स्वीकार किया था कि लगभग 20 लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए कॉकटेल वैक्सीन लगा दी है। हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई उनमें किसी में भी अभी तक कोई समस्या देखने को नहीं मिली है, वे सभी स्वस्थ हैं।
ALSO READ: सावधान! पानी में मिला Coronavirus, रिचर्स में सामने आई बड़ी बात
इससे भी पहले शामली जिले में पिछली आठ अप्रैल को तीन महिलाओं को कोविड-19 का टीका लगाने के बजाय एंटी रेबीज इंजेक्शन लगा दिए गए थे। इन महिलाओं के परिजनों ने दावा किया था कि वे कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए कांधला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गई थीं जहां उन्हें इस टीके के बजाय एंटी रेबीज इंजेक्शन लगा दिए गए थे।

इसी तरह बलिया में भी अप्रैल में एक स्थानीय व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसका नमूना लिए बगैर उसकी कोविड-19 रिपोर्ट जारी कर दी गई, जिसमें उसे संक्रमित बताया गया। इस मामले की भी जांच के आदेश दिए गए हैं।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रामभरोसे हेल्थ सिस्टम : मेरठ मेडिकल कॉलेज में मरीज खुद ही कर रहे हैं कोरोना सैंपलिंग!