इंदौर। विधानसभा उपचुनावों और दीपावली के त्योहार के बाद मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में कोरोनावायरस संक्रमण नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान 586 नए संक्रमित मिले हैं। यह जिले में इस महामारी के पिछले 8 महीने से जारी प्रकोप के दौरान 1 ही दिन में मिले मरीजों की सर्वाधिक तादाद है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी देते बताया कि जिले में कोविड-19 की दैनिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत का स्तर लांघ गई है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान रविवार को 5,651 में से 586 नमूने कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। इन नए मामलों के साथ ही जिले में कोविड-19 के मरीजों की कुल तादाद बढ़कर 38,247 हो गई है। इनमें से 735 मरीजों की मौत हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जिले में कोविड-19 की मृत्यु दर 1.92 प्रतिशत के स्तर पर है, जो 1.46 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन संजय दीक्षित ने बताया कि दीपावली के 5 दिवसीय त्योहार के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़ और सामाजिक मेलजोल में इजाफा जिले में कोविड-19 के मरीज बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। इस दौरान कई लोगों ने मास्क पहनने और शारीरिक दूरी रखने के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया था।
उन्होंने यह भी बताया कि ठंड के मौसम में सामान्य सर्दी-खांसी के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटी है जिससे उन पर कोविड-19 का खतरा बढ़ गया है।
इस बीच गैरसरकारी संगठन 'जन स्वास्थ्य अभियान मध्यप्रदेश' के सह-समन्वयक अमूल्य निधि ने कहा कि जिले की सांवेर विधानसभा सीट के लिए 3 नवंबर को हुए उपचुनावों के मद्देनजर आयोजित रैलियों और अन्य कार्यक्रमों में बड़ी तादाद में लोगों को जुटाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इन चुनावी कार्यक्रमों में कई लोगों को कोविड-19 से बचाव के दिशा-निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन करते देखा गया था।
इससे पहले इंदौर जिले में शनिवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 546 नए मामले मिले थे, जो दैनिक मामलों के लिहाज से महामारी का तब का सर्वोच्च स्तर था। अधिकारियों ने बताया कि जिले में फिलहाल कोरोनावायरस संक्रमण के 3,088 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें घरों में क्वारंटाइन में रखे गए मरीज शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 34,424 लोग इलाज के बाद कोरोनावायरस संक्रमण से मुक्त हो गए हैं। करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च से हुई, जब पहले 4 मरीजों में महामारी की पुष्टि हुई थी। (भाषा)