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देश में कोरोना की तीसरी लहर का कितना खतरा और कैसे होगा मुकाबला,एक्सपर्ट से जानिए

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विकास सिंह

, बुधवार, 12 मई 2021 (13:21 IST)
देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ ही रहा है कि अब कोरोना की तीसरी लहर आने की आंशका को लेकर आ रही रिपोर्ट ने सरकारों के साथ-साथ लोगों को चिंता में डाल दिया है। केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर विजय राघवन के देश में तीसरी लहर आने की आंशका जाहिर करने के बाद राज्य सरकारों ने अभी से कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियां करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए है।
 
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे देश को कब तक ऐसे हालात का सामना करना पड़ेगा। सवाल यह भी है कि कोरोना की तीसरी लहर कितनी घातक होगी। वहीं सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर तीसरी लहर आती है तो आम आदमी इसका मुकाबला कैसे करेगा। 
 
कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण अब अपने पीक पर पहुंच गया है और अब इसमें स्लोडाउन नजर आएगा। अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो अब नए केस में गिरावट आना शुरु हो गई है और मई आखिरी तक केस कम होने से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में काफी कमी आएगी। अपने  मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्य अब पीक को पार कर चुके है और अब यहां केस कम होने शुरु हो गए है। 

देश में कोविड के प्रसार और उसकी गति पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार की बनाई गई कमेटी के प्रमुख सदस्य मणिंद्र अग्रवाल कोविड-19 को लेकर तैयार किए गए गणितीय मॉडल के आधार से बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर जुलाई तक समाप्त हो जाएगी और केस की संख्या बहुत सीमित हो जाएगी। कंप्यूटिंग आधरित मॉडल पर मनिंद्र अग्रवाल कहते हैं कि अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है। 
 
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भोपाल एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर सरमन सिंह कहते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर निश्चित तौर पर आएगी इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन यह लहर कैसी होगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। वह कहते हैं कि तीसरी लहर को लेकर जो भ्रम फैल रहा है कि केवल बच्चों पर असर होगा यह कहना गलत है,कोरोना की तीसरी लहर का असर बुजुर्गो और युवाओं के साथ बच्चों पर भी असर होगा। इसके पीछे वह तर्क देते हुए कहते हैं कि चूंकि अभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लग रही है इसलिए उन पर असर देखने को मिल सकता है। वह कहते हैं कि जब कोरोना की तीसरी लहर आएगी तब तक युवाओं और बुजुर्गों को बड़ी संख्या में वैक्सीन लग चुकी होगी इसलिए उन पर कम असर देखने को मिलेगा।
 
कोरोना की तीसरी लहर के सवाल पर ICMR के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए डरने की नहीं सबक लेने की जरूरत है। अब हमको बिना समय गवाएं बड़े-बड़े कोविड केयर सेंटर बनाने होंगे। अस्पतालों की कोविड अस्पताल के रुप में बदलना होगा और दवाईयां और ऑक्सीजन का इंतजाम करना होगा। कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संसाधनों को दुरुरस्त करना होगा।
 
डॉक्टर रमन गंगाखेडकर कहते हैं कि अगर हम सही तरीके से मास्क लगाते है और कोरोना संयमति व्यवहार का पालन करते हैं तो चाहे कोरोना की दूसरी लहर हो या तीसरी लहर हो हम कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बच सकते है।  
 

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