Corona के डर से दिल्ली में सूने पड़े मिट्टी के बर्तनों के बाजार

Webdunia
शुक्रवार, 6 नवंबर 2020 (18:20 IST)
नई दिल्ली। आमतौर पर त्योहार के इस मौसम में लोगों की भीड़ दीए और मिट्टी की मूर्तियां खरीदने बाजार में उमड़ती है, लेकिन इस वर्ष दिवाली के पर्व पर मिट्टी के दीयों के बाजार में निराशा का माहौल है।

दिवाली से पहले के सप्ताह में शहर के बाजार हाथ से बने मिट्टी के दीयों से अटे पड़े होते थे और बड़ी संख्या में लोग दीयों के साथ सजीले फूलदान तथा अन्य सजावटी सामान खरीदते देखे जाते थे। हालांकि इस बार कुछ लोग कोविड-19 के भय के बावजूद बाहर निकल रहे हैं, लेकिन बाजार में ग्राहकों की संख्या उतनी नहीं है, जितनी हुआ करती थी।

मिट्टी के दीयों और बर्तनों के बीच बैठी अनिता का कहना है, पहले दिवाली से दो चार सप्ताह पूर्व ही भीड़ आनी शुरू हो जाती थी और हमें सांस लेने का मौका नहीं मिलता था। हम इतने व्यस्त हो जाते थे कि चाय के लिए समय नहीं मिलता था, लेकिन इस साल स्थिति वास्तव में बुरी है।दक्षिण दिल्ली के हौज रानी बाजार में अनिता की अस्थाई दुकान में ढेरों सामान है लेकिन उन्हें खरीदने वाला कोई नहीं है।

उन्होंने कहा, हर साल दिवाली से पहले हमारा सारा सामान बिक जाया करता था लेकिन इस साल लगभग कुछ भी नहीं बिका। दरअसल, लॉकडाउन हटने के बाद से अनिता की दुकान पर ग्राहकों की संख्या नगण्य रही और दिवाली से आठ दिन पहले भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
कोरोनावायरस के डर ने त्यौहार की खुशी छीन ली है और मिट्टी की कलाकृतियों के दिल्ली के कुछ सबसे लोकप्रिय बाजार व्यापार में तंगी से जूझने पर मजबूर हैं। यह स्थिति ऐसे समय है, जब व्यापार के लिहाज से अमूमन यह मौसम सबसे व्यस्त रहता है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में STF को बड़ी कामयाबी, शूटर शिवकुमार बहराइच से गिरफ्तार, 4 अन्य भी पकड़े गए

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

Maharashtra Election : 500 में सिलेंडर, महिलाओं को 3000 और जातीय जनगणना का वादा, महाराष्ट्र के लिए MVA का घोषणा पत्र

योगी ने अखिलेश के PDA का भी कर दिया नामकरण, प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी

मल्लिकार्जुन खरगे ने PM मोदी पर साधा निशाना, लाल किताब को लेकर दिया यह बयान...

सभी देखें

नवीनतम

राहुल गांधी का चुनाव सभा में वादा, वायनाड को बनाएंगे वैश्विक पर्यटन केंद्र

चुनाव के नतीजे बताओ, एक करोड़ पाओ, इंदौर के प्रोफेसर ने किया ऐलान, लेकिन ये है शर्त

झारखंड रोहिंग्याओं की धर्मशाला बना, लव जिहाद से बेटियां खतरे में

भारत के 51वें चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जानिए उनके करियर और उनसे जुड़ी खास बातें

महाराष्ट्र और झारखंड में महिला वोटर्स गेमचेंजर, नगद पैसा से लेकर मुफ्त यात्रा तक का दांव

अगला लेख
More