नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर विमानन नियामक डीजीसीए ने रविवार को सभी एयरलाइनों से कहा कि वे 3 मई के बाद की टिकटें बुक करना बंद करें, साथ ही उसने सभी कंपनियों को भरोसा दिलाया कि उन्हें परिचालन शुरू करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।
कुछ निजी भारतीय एयरलाइन कंपनियां नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी की सलाह को दरकिनार कर रविवार को 4 मई से कुछ चुनिंदा मार्गों पर बुकिंग ले रही थीं, उसी के मद्देनजर डीजीसीए ने यह निर्देश जारी किया है।
हरदीप पुरी ने विमानन (एयरलाइन) कंपनियों को शनिवार को सलाह दी थी कि वे यात्री विमानों के परिचालन पर सरकारी आदेश आने के बाद ही बुकिंग शुरू करें।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार शाम परिपत्र जारी कर कहा कि सभी विमानन कंपनियों को टिकट बुकिंग करने से बचने का निर्देश दिया जाता है कि विमानन कंपनियां यह याद रखें कि परिचालन शुरू करने के लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाएगा।
कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि लॉकडाउन के कारण जो उड़ानें रद्द हो गई हैं, विमानन
कंपनियां उनकी राशि वापस नहीं कर रही हैं और उसकी जगह भविष्य में यात्रा के लिए 'क्रेडिट वाउचर' जारी कर रही हैं।
नागर विमानन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर यात्रियों ने लॉकडाउन के पहले चरण में 3 मई तक की यात्रा के लिए टिकटें बुक कराई थीं तो वे विमानन कंपनियों से इसका रिफंड मांग सकते हैं। हालांकि सरकार ने अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि 25 मार्च से 3 मई के बीच लॉकडाउन के कारण उड़ानें रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को पूरा पैसा वापस मिलेगा या नहीं?
देश में 2 चरणों में लॉकडाउन लागू हुआ है, पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था जिसे बाद में बढ़ाकर 3 मई
तक कर दिया गया। एयरलाइन कंपनियां, विस्तारा और एयर एशिया इंडिया ने रविवार को कहा कि उन्हें टिकटों की बुकिंग बंद करने के संबंध में अभी तक सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है, वहीं 3 अन्य बड़ी एयरलाइन कंपनियों- स्पाइसजेट, इंडिगो और गोएयर ने इस बारे में पूछे गए सवालों का अभी तक कोई
उत्तर नहीं दिया है। (भाषा)