नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि मोदी सरकार बताए कि पहले देशवासियों की जान की सुरक्षा जरूरी है या पाकिस्तान को वैक्सीन का निर्यात करना जरूरी है। एक तरफ, हम कहते हैं कि पाकिस्तान भारत को आतंकवाद निर्यात करता है और दूसरी तरफ, भारत पाकिस्तान को वैक्सीन निर्यात कर रहा है। भारत परोक्ष और अपरोक्ष रूप से पाकिस्तान को 60 मिलियन वैक्सीन की डोज निर्यात करने जा रहा है।
चड्ढा ने कहा कि देशभर में वैक्सीन की किल्लत है, फिर भी केंद्र सरकार ने 645 लाख डोज 84 देशों को निर्यात कर दिया है। देश के 135 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगने के बाद मोदी सरकार वैक्सीन का निर्यात कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर वाहवाही लूटे, हमें कोई ऐतराज नहीं है। एक तरफ अमेरिका, ब्रिटेन, हंगरी आदि देश वैक्सीन जमा कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमारी सरकार कह रही है कि वैक्सीन एकत्र करके क्या करना है? वैक्सीन की डोज समाप्त होने से पूणे में 109, मुम्बई में 26 और ओडिशा में 700 से अधिक वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो चुके हैं।
देशभर में नई आपूर्ति नहीं होती है तो वैक्सीनेशन पर लग जाएगा पूर्ण विराम : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने आज पार्टी मुख्यालय में कहा कि आज पूरे देश में वैक्सीन के डोज की किल्लत हो गई है। किसी राज्य के पास एक दिन की, किसी राज्य के पास 2 दिन की, किसी राज्य के पास चार दिन की वैक्सीन की डोज बची है और कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन सेंटर भी बंद हो गए हैं, क्योंकि वैक्सीन के स्टॉक पूरी तरह से समाप्त हो चुके हैं।
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री द्वारा कहा गया था कि बहुत जल्द वैक्सीन आने वाली है। जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। आज देश में वैक्सीन (दवाई) आ गई है, लेकिन वह भारत के लोग तक नहीं पहुंच पा रही है। आज यह स्थिति है कि आंध्र प्रदेश के पास केवल 2 दिन की वैक्सीन डोज बची है।
बिहार के पास दो दिन, राजस्थान के पास 2 दिन, उत्तराखंड के पास तीन दिन, ओडिशा के पास चार दिन और छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के पास 5 दिन की वैक्सीन डोज बची है। आज से 5 दिन बाद भारत के लगभग सारे राज्यों में वैक्सीन की डोज समाप्त हो जाएगी और वैक्सीनेशन पर पूर्ण विराम लग जाएगा जब तक कि वैक्सीन की नई आपूर्ति नहीं आ जाती है।
राघव चड्ढा ने कहा कि कल महाराष्ट्र, खासकर पूणे में 109 वैक्सीन सेंटर बंद हो गए। मुंबई में 26 और ओडिसा में 700 से ज्यादा वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो गए, क्योंकि वैक्सीन समाप्त हो गई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वैक्सीनेशन सेंटर बंद हो गए हैं। एक तरफ स्थिति ऐसी है कि हमारे देश में लगभग खत्म हो गई है। हमारे गोदाम में जितनी भी वैक्सीन बची थी, वह सारी लग चुकी है और दूसरी तरफ, जितनी वैक्सीन भारत के लोगों को नहीं नहीं लगाई गई, उससे कहीं ज्यादा केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने दूसरे देशों को निर्यात कर दी।
जहां एक तरफ भारत के लोग वैक्सीन सेंटर के बाहर खड़े हैं, लोग लाइनों में लगे हैं, लेकिन वैक्सीन समाप्त हो गई है और दूसरी तरफ, भारत सरकार ने करीब 645 लाख वैक्सीन के डोज को 84 देशों में निर्यात कर दिया। आने वाले कुछ हफ्तों में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर वादा कर दिया है कि भारत में बनने वाली वैक्सीन की 450 लाख डोज भारत पाकिस्तान को देगा। मैं केंद्र में बैठी भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूं कि आपके लिए कौन जरूरी है। आपके लिए भारत के लोग, उनका अच्छा स्वास्थ्य, उनकी स्वास्थ्य की सुरक्षा, उनको जीवनदान का टीका लगाना जरुरी है या पाकिस्तान के लोगों को वैक्सीन लगवाना जरुरी है। इस पर आज केंद्र सरकार अपना स्पष्टीकरण दे।
देश के 135 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगने के बाद सरकार वाहवाही लूटे, हमें कोई ऐतराज नहीं : राघव चड्ढा ने कहा कि एक तरफ हम कहते हैं कि पाकिस्तान भारत को आतंकवाद निर्यात करता है और दूसरी ओर भारत जीवनदान देने वाली वैक्सीन पाकिस्तान को निर्यात कर रहा है। मैं कहना चाहता हूं कि मानवीय पहलू पर जरूर जिस देश की मदद हो सकती है, हमें मदद करनी चाहिए।
यह हमारे संस्कारों में है और यह हमें सिखाया गया है। लेकिन अगर एक सरकार का कोई दायित्व बनता है, तो वह दायित्व अपनी प्रजा के प्रति बनता है। जब देश के 135 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग जाए, उसके बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पीठ थपथपाने के लिए भारत सरकार जितनी मर्जी चाहे, वह वैक्सीन का निर्यात करे, इससे किसी को कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन सबसे पहले देश के 135 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना अति आवश्यक है।
पाकिस्तान को 60 मिलियन वैक्सीन की डोज निर्यात करने जा रहा है भारत : राघव चड्ढा ने कहा कि भारत ने रूस के साथ जो एग्रीमेंट किए हैं, उसके तहत 16 मिलियन डोज जो भारत रूस को देगा, वह वैक्सीन भी रूस से होकर पाकिस्तान जाएगी। इस तरह पाकिस्तान को 45 मिलियन डोज परोक्ष रूप से और 16 मिलियन वैक्सीन के डोज अपरोक्ष रूप से भारत पाकिस्तान को देने जा रहा है।
कुल मिलाकर लगभग 60 मिलियन वैक्सीन की डोज पाकिस्तान को भारत परोक्ष और अपरोक्ष तौर पर निर्यात करने जा रहा है। भारत सरकार, पाकिस्तान की करीब 15 से 20 फीसदी आबादी को वैक्सीन लगवा देगी, लेकिन अपने देशवासियों को वैक्सीन नहीं लग रही है। हमारे देशवासी वैक्सीन सेंटर के बाहर खड़े हैं।
भारत सरकार ने कुछ देशों में गिफ्ट के माध्यम से बिना कोई कमर्शियल एग्रीमेंट के और बिना कोई पैसा लिए वैक्सीन की लाखों डोज बांट दी है। इसमें बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, भूटान, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका, बहरीन, ओमान, अफगानिस्तान और बारबिटास आदि शामिल हैं। इन देशों से हमारा दूर-दूर तक अंतरराष्ट्रीय मंच पर वैक्सीन देने का कोई समझौता नहीं था। ऐसे कई देश हैं, जिन्हें तोहफे के तौर पर यह सारी वैक्सीन मुहैया कराई गई हैं।
एक तरफ अमेरिका, ब्रिटेन, हंगरी आदि देश वैक्सीन जमा कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमारी सरकार कह रही है कि वैक्सीन एकत्र करके क्या करना है? चड्ढा ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय मंच की अगर हम बात करें, तो जो देश अपने देशवासियों के लिए सोचते हैं। उन देशों ने कुछ इस प्रकार से रणनीति बनाई है कि वे 2 से 3 महीने के अंदर अपने देश की पूरी आबादी को वैक्सीन लगा देंगे।
अमेरिका ने फाइजर, मॉडर्ना और जानसन एंड जानसन से कई करार पर हस्ताक्षर किया है और वैक्सीन के इतने स्टॉक इकट्ठे कर लिए कि आज वह अपनी आबादी को दो बार वैक्सीन लगा सकता है। अमेरिका ने वैक्सीन बनाने के पार्टिकल के निर्यात पर भी पाबंदी लगा रखी है।आज अगर ब्रिटेन चाहे, तो वह अपनी आबादी को तीन बार वैक्सीन लगा सकता है।
कनाडा साढ़े तीन बार अपने देश को वैक्सीन लगा सकता है। हंगरी ढाई बार अपने देश की पूरी आबादी को वैक्सीन लगा सकता है। वहीं दूसरी ओर, हमारा देश है, जो कह रहा है कि हमें वैक्सीन के डोज जमा करके क्या करना है? हमारे लोगों को वैक्सीन की क्या जरूरत है? हम तो विश्वभर में बांटते हैं।
राघव चड्ढा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि यह वैक्सीन जो यहां से जाकर दूसरे देशों के लोगों को लग रही है, वह बिहार के लोगों को लगती, तो शायद बिहार के लोगों की जानें बच सकती है। जो वैक्सीन आप मॉरीशस और मलेशिया भेज भेज रहे हैं, वह महाराष्ट्र के लोगों को लगती, तो शायद महाराष्ट्र के लोगों की जानें बच जाती, आज यह सवाल खड़ा होता है।
मैं चाहूंगा कि भाजपा इस पर अवश्य जवाब दे कि आज ऐसी स्थिति देशभर में उत्पन्न हो गई है, जहां वैक्सीन की किल्लत है और दूसरी ओर हमने 645 लाख डोज 84 देशों को निर्यात कर दिए हैं, आज देश अपनी सरकार से जवाब मांगता है।अगर केंद्र सरकार सभी प्रतिबंधों को खत्म कर पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराती है, तो केजरीवाल सरकार दिल्ली की पूरी आबादी को मात्र 3 महीने में वैक्सीन लगा देगी।
चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कल प्रधानमंत्री की बैठक में भी और उससे पहले उन्हें पत्र लिखकर यह साफतौर पर कहा कि वैक्सीन संबंधित जो भी प्रतिबंध हैं और उम्र को लेकर जो मानदंड हैं, उन सभी मानदंडों को खत्म किया जाए। वैक्सीन को सबके लिए घोषित कर दिया जाए, सभी को वैक्सीन लगे और जल्द लगे। मैं सीएम अरविंद केजरीवाल की घोषणा को पुनः दोहराना चाहता हूं कि अगर केंद्र में बैठी भाजपा सरकार सारी शर्तें खत्म कर देती है और पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन के स्टॉक दिल्ली को उपलब्ध करा देती है, तो मात्र 3 महीने में दिल्ली की पूरी आबादी को वैक्सीन लगा देगी।
कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी प्रधानमंत्री से कहा कि प्रतिबंधों को समाप्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हम वादा करते हैं कि अपने राज्य में 4 महीने के अंदर सबको टीका लगा देंगे। महाराष्ट्र, उड़ीसा और हमारे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिबंध हटाने की मांग हैं, लेकिन केंद्र सरकार का रूप अब बदला-बदला है।
कल प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि टीकाकरण को छोड़िए, टीकाकरण इतना जरूरी नहीं है, जांच जरूरी है, सभी लोग जांच बढ़ाएं। अभी तक हमें यह कहा गया था कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। अब तो दवाई आ गई है और सबको लगनी चाहिए। अब क्यों नहीं दवाई लग रही है?
आज आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार की इस वैक्सीन नीति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है। केंद्र सरकार से जवाब मांगती है कि आप पाकिस्तान, बांग्लादेश और दूसरे देशों को वैक्सीन के डोज निर्यात कर रहे हैं, लेकिन अपने देश के नागरिकों को हम वैक्सीन नहीं लगा पा रहे हैं। इस पर भारत सरकार जवाब दे और इस पर सोचे भी।