पुणे। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के चेयरमैन साइरस पूनावाला ने केंद्र सरकार द्वारा कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 टीके के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को 'बहुत खराब कदम' बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसने उनकी कंपनी को एक कठिन परिस्थिति में डाल दिया है।
कोविशील्ड का उत्पादन करने वाले एसआईआई के प्रमुख पूनावाला ने कहा कि उनके बेटे एवं एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने उनसे इस मुद्दे पर बात नहीं करने के लिए कहा था। उन्होंने यहां कहा, मोदी सरकार का यह बहुत ही खराब कदम है। मेरे बेटे ने मुझे अपना मुंह नहीं खोलने के लिए कहा था, लेकिन यह मेरा विचार है कि निर्यात को खोला जाना चाहिए।
पूनावाला ने यहां लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा, 150 से अधिक देश टीकों के लिए एसआईआई पर निर्भर हैं और एक महत्वपूर्ण समय के दौरान आपूर्ति रोकने के लिए कंपनी को दोषी ठहरा रहे हैं। साइरस पूनावाला ने कहा, इन देशों ने कंपनी को अग्रिम रूप में करोड़ों का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इसे 5,000 करोड़ रुपए दिए हैं।
उन्होंने कहा कि उन्होंने गेट्स फाउंडेशन और डब्ल्यूएचओ को पैसे वापस करने की पेशकश की थी। उन्होंने संकेत दिया कि उन्होंने इस उम्मीद में उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि भारत सरकार जल्द ही निर्यात पर प्रतिबंध हटा देगी।
भारत ने अप्रैल में उस वक्त टीके के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जब महामारी की दूसरी लहर चरम पर थी और देश में लोगों का अधिक तेजी से टीकाकरण करने की आवश्यकता महसूस की गई थी। पुणे में ही टीकों की कमी के बारे में, पूनावाला ने फिर से केंद्र सरकार से निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, हमने उन्हें (सरकार को) बताया कि आंकड़े बताते हैं कि संक्रमण पुणे में सबसे अधिक है और उनसे पुणे के लिए और (टीके) जारी करने का अनुरोध किया, लेकिन मोदी सरकार जवाब देने को भी तैयार नहीं है। सरकार कहती है कि वह वही करेगी, जो उसे लगता है।(भाषा)