नई दिल्ली। भारत में भले ही कोरोनावायरस (Coronavirus) से स्वस्थ लोगों का प्रतिशत बढ़ने के साथ ही मृत्यु दर में गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन मौत का रोज का आंकड़ा अब बढ़कर 1000 प्रतिदिन हो गया है। भारत में में कोरोना से मौत का पहला मामला 17 मार्च 2020 को सामने आया था।
17 मार्च से मौत के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो 100 तक पहुंचने में करीब 55 दिन का वक्त लगा था। 10 मई को 128 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। वहीं 11 और 12 मई को यह आंकड़ा 100 से कम था, किन्तु 13 मई को एक बार फिर 122 लोगों की मौत के साथ यह आंकड़ा फिर 100 से ऊपर ही रहा।
मौत का औसत 1 से 500 से तक पहुंचने में करीब 117 दिन का वक्त लगा। लेकिन, अगले 500 यानी 1000 के आंकड़े को मात्र 31 दिन में ही छू लिया। इससे कोरोना की गंभीरता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। 11 जुलाई को मौत का आंकड़ा 519 था, जो फिर नीचे नहीं गया।
हालांकि इससे पहले 5 जुलाई को यह आंकड़ा 613 था, लेकिन फिर कुछ दिन यह 500 से नीचे ही रहा। 10 अगस्त की सुबह तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में 1007 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई।
एक दिन में 62 हजार : केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार यानी 10 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक पहली बार एक दिन में सर्वाधिक 62 हजार 63 संक्रमण के मामले आने से इनकी संख्या 22 लाख 15 हजार 74 हो गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान 1007 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 44 हजार 386 पर पहुंच गई है।
भारत में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 22 लाख होने में 193 दिन का वक्त लगा था, वहीं देश में 19 मई को एक लाख से अधिक कोरोना संक्रमित हो गए थे। भारत में अब तक 2.45 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट हो चुका है।हालांकि अच्छी बात यह है कि स्वस्थ होने वालों की दर पिछले दिन से बढ़कर 69.33 प्रतिशत पर पहुंच गई है और मृत्यु दर घटकर 2.0 प्रतिशत हो गई है।