नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर भारत में तरह-तरह के नुस्खे और दवाइयां सामने आती रहती हैं। इस बीच, एक बड़ा ही विचित्र दावा सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि लाल चींटी की चटनी से कोरोना ठीक हो जाता है।
दावा तक तो ठीक था, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि कोरोना के इलाज के लिए लाल चींटी की चटनी के इस्तेमाल के लिए निर्देश दिया जाए।
कोर्ट ने कहा कि वह कोरोना के इलाज के लिए इस बात का निर्देश जारी नहीं कर सकता कि परंपरागत ज्ञान या घरेलू उपचार के साधन हैं, उन्हें पूरे देश के लिए लागू किया जाए। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि बहुत सारे परंपरागत तरीके हैं। हमारे घरों में भी परंपरागत जानकारियां होती हैं।
कोर्ट ने कहा कि इस तरह के सभी उपचार के तरीके खुद पर आजमाने होते हैं। यदि कोई नतीजे आते भी हैं तो व्यक्ति खुद उन्हें फेस करता है। लेकिन, इसे पूरे देश पर लागू करने के लिए नहीं कहा जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने एन. पढियाल की याचिका इस नसीहत के साथ खारिज कर दी कि वह वैक्सीन लें। याचिकाकर्ता ओडिशा के ट्राइबल कम्युनिटी के मेंबर हैं। उल्लेखनीय है कि पढियाल की याचिका को उच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।