Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राहुल से बातचीत में विशेषज्ञों ने कहा, अगले साल तक रहेगा Corona, भारत में सख्त Lockdown नहीं हो

हमें फॉलो करें राहुल से बातचीत में विशेषज्ञों ने कहा, अगले साल तक रहेगा Corona, भारत में सख्त Lockdown नहीं हो
, बुधवार, 27 मई 2020 (12:42 IST)
नई दिल्ली। दुनिया के दो जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञों आशीष झा और जोहान गिसेक ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस अगले साल तक रहने वाला है और भारत में लॉकडाउन में लचीलापन लाने एवं आर्थिक गतिविधियां आरंभ करते समय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने की जरूरत है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान दोनों विशेषज्ञों ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जांच की जाए और बुजुर्गों, गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों एवं अस्पतालों में मरीजों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
 
दोनों विशेषज्ञों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि अब लोगों का जीवन बदलने वाला है। अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के आतंकी हमले (9/11) को नया अध्याय कहा जाता है, लेकिन कोविड-19 पूरी नई किताब होगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार एवं संसाधन मुहैया कराने होंगे।
 
भारतीय मूल के जाने-माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा ने कहा कि कोविड-19 वायरस अगले साल तक रहने वाला है और लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां आरंभ करते समय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने की जरूरत है।
'ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' के नवनियुक्त डीन झा ने यह भी कहा कि भारत को लॉकडाउन और कोरोना जांच को लेकर रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव के साथ ही इसका मनोवैज्ञानिक असर भी है और सरकारों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
 
'हॉर्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट' के निदेशक झा ने कहा कि इस वायरस का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी है। लॉकडाउन के जरिए आप अपने लोगों को एक तरह का संदेश देते है कि स्थिति गंभीर है। ऐसे में जब आप आर्थिक गतिविधियां खोलते हैं तो आपको लोगों में विश्वास पैदा करना होता है।
 
उनके मुताबिक यह वायरस अगले 18 महीने यानी 2021 तक रहने वाली समस्या है। अगले साल ही कोई टीका या दवा आएगी। लोगों को समझने की जरूरत है कि अब जीवन बदलने वाला है और अब जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा। लॉकडाउन से जुड़े राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि सरकारों को रणनीति बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसके पास बड़ी संख्या में नौजवान आबादी है जिसके लिए कोरोना घातक नहीं होगा। बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती लोगों का ख्याल रखना होगा। स्वीडन के 'कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट' के प्रोफेसर एमिरेटस जोहान गिसेक ने भी इस वायरस के अगले कई महीनों तक मौजूद रहने का अंदेशा जताया, हालांकि यह भी कहा कि यह एक 'मामूली बीमारी' है, जो 99 फीसदी लोगों के लिए घातक नहीं है।
 
भारत में लॉकडाउन से जुड़े सवाल पर गिसेक ने कहा कि भारत में सख्त लॉकडाउन अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा। लॉकडाउन में लचीलेपन की जरूरत है। उनके मुताबिक लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलना चाहिए। पहले कुछ पाबंदियां हटाई जाएं। अगर संक्रमण ज्यादा फैलता है तो फिर एक कदम पीछे खींच लीजिए। बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों का ध्यान रखा जाए। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भाजपा नेता के भाई पर जानलेवा हमला, गंभीर रूप से घायल हुआ नेता का भाई