नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस से निपटने को लेकर राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद बाजार में जरूरी चीजों के दाम बढ़ जाने और सामान गायब हो जाने का दावा किया है। इस पर सरकार ने कहा कि बाजार में सभी चीजें उपलब्ध हैं और ऐसे हालात में ‘पैनिक बटन’ दबाकर दहशत फैलाने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस के चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के बाद हम उनके साथ हैं, लेकिन उनके संबोधन के बाद सारे देश में खासतौर पर बड़े शहरों में जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ गईं।
उन्होंने कहा कि बाजार से खाद्य सामग्री नदारद हो रही है और जमाखोर तथा बिचौलियों के हाथ में बाजार जाने के हालात बन रहे हैं। चौधरी ने दिहाड़ी मजदूरों, चालकों, खेतिहर मजदूरों, सुरक्षा गार्डों, रेहड़ी-पटरी वाले सहित अन्य के लिए आर्थिक सहायता समेत वित्तीय पैकेज की घोषणा की मांग सरकार से की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मोदी सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण के संकट के दौर में पहले दिन से अन्य देशों की तुलना में अच्छे कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ आह्वान किया है और हम सभी को देश और देशवासियों के हित में उनकी बात का सम्मान करना चाहिए।
जोशी ने कहा कि जरूरी सामान के दाम बढ़ने की बात कहकर दहशत नहीं फैलाई जानी चाहिए। सबको मिलकर इस संकट का सामना करना है। बाजार में सब चीजें मिल रही हैं। इन हालात में पैनिक बटन दबाने की जरूरत नहीं है। चौधरी ने जब कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद ‘बाजार में आग लग गई है’ तो कई मंत्रियों और सत्तापक्ष के सदस्यों ने खड़े होकर विरोध दर्ज कराया।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने शेयर बाजार को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर पूरी दुनिया में शेयर बाजार बुरी तरह से गिर रहे हैं और हमारे देश में भी स्टॉक मार्केट के नीचे जाने से निवेशकों को करीब 45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का आकलन है।
रॉय ने कहा कि ऐसे में प्रधानमंत्री के भाषण में किसी तरह के आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा नहीं की गई। इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने के संबोधन में सावधानियों की बात की और आर्थिक पक्ष को छूते हुए कोरोना आर्थिक कार्यबल के गठन की जानकारी दी। जोशी ने कहा कि कार्यबल का उद्देश्य यही है कि अर्थव्यवस्था को लेकर कोई स्थिति आएगी तो फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि वे किसी तरह का सुझाव है तो संबंधित मंत्रियों से मिलकर उन्हें दें, लेकिन ‘पैनिक बटन’ नहीं दबाएं।