दुनियाभर में 1 करोड़ 24 लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाने वाले कोरोना वायरस संक्रमण कहां से पैदा हुआ इसे लेकर पूरी दुनिया के मन में सवाल है। अब तक बहुत मोटे तौर पर यह कहा जाता रहा है कि चीन के वुहान से इस वायरस की शुरुआत हुई, हालांकि कई बार खुद चीन ने इस बात से इनकार भी किया है। लेकिन अब डब्लूएचओ की टीम यह पता लगाने के लिए चीन जाएगी कि आखिर वायरस की शुरुआत कहां से हुई।
वायरस के बारे में पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहली टीम चीन रवाना हो गई है। इस टीम में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो एक्सपर्ट शामिल हैं जो चीन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर जांच की रूपरेखा तय करेंगे। WHO ने अभी तय यह नहीं बताया है कि इस टीम में और कौन-कौन शामिल होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता मारगैरेट हैरिस ने मीडिया को कहा कि कोरोना वायरस के उत्पत्ति की जांच के लिए पशु-विज्ञान और महामारी विज्ञान के दो विशेषज्ञ चीन रवाना हुए हैं। ये दोनों चीन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर जांच के दायरे को तय करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग की समीक्षा के लिए बनाये गए एक स्वतंत्र पैनल में WHO की कोई भूमिका नहीं होगी।
कोरोना वायरस को लेकर चीन पर पूरी दुनिया का दबाव है। कहा जा रहा है कि चीन ने इसी दबाव में आकर जांच टीम को आने की अनुमति दी है।
अमेरिका समेत विश्व के कई देश कोरोना वायरस महामारी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निशाना साधते आए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो डब्लूएचओ को चीन का भोपू करार दिया था। इसी कारण अमेरिका ने इस संगठन से अपने सारे संबंध तोड़ लिए थे। बता दें कि डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया को शुरू से ही बेहद कम जानकारी दी है।