रविशंकर प्रसाद ने कू पर एक पोस्ट में कहा कि देश के नाम एक और उपलब्धि। भारत एक बार फिर वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विश्वस्तर पर अपनी भूमिका निभा रहा है। अब तक 96 देश भारत के दो टीकों को मान्यता दे चुके हैं जबकि WHO ने अब तक 8 टीकों को आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति दी है जिसमें से 2 भारतीय है।
भारतीय कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट को स्वीकार करने वाले देशों में कनाडा, अमेरिका, बंगलादेश, माली, घाना, सिएरा लियोन, अंगोला, नाइजीरिया, बेनिन, चाड, हंगरी, सर्बिया, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, बुल्गारिया, तुर्की, यूनान, फिनलैंड, एस्टोनिया, रोमानिया, मोल्दोवा, अल्बानिया, चेक गणराज्य, स्विट्जरलैंड, लिकटेंस्टीन, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, मोंटेनेग्रो, आइसलैंड, एस्वातिनी, रवांडा, ज़िम्बाब्वे, युगांडा, मलावी, बोत्सवाना, नामीबिया, किर्गिज़ गणराज्य, बेलारूस, आर्मेनिया, यूक्रेन, अज़रबैजान, कज़ाखस्तान, रूस, जॉर्जिया शामिल है।
यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्पेन, अंडोरा, कुवैत, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर, मालदीव, कोमोरोस, श्रीलंका, मॉरीशस, पेरू, जमैका, बहामास, ब्राजील, गुयाना, एंटीगुआ और बारबुडा, मैक्सिको, पनामा, कोस्टारिका, निकारागुआ, अर्जेंटीना, उरुग्वे, पराग्वे, कोलंबिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, डोमिनिका राष्ट्रमंडल, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर, होंडुरास, डोमिनिकन गणराज्य, हैती, नेपाल, ईरान, लेबनान, फिलिस्तीन, सीरिया, दक्षिण सूडान, ट्यूनीशिया, सूडान, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, मंगोलिया और फिलीपींस ने भी दी भारतीय वैक्सीन को मान्यता।
मेडिकल जर्नल लांसेट ने भी हाल ही में दावा किया कि कोवैक्सीन कोरोनावायरस के खिलाफ 77.8 फीसदी तक प्रभावी है। वैक्सीन का यह प्रभाव उन लोगों पर पाया गया, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखने लगे।