इंदौर। शनिवार को पूरे देश में कोरोनावायरस टीकाकरण (Coronavirus Vaccination) की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि पहले दौर में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ही टीका लगाया जा रहा है, लेकिन वैक्सीन आने की खुशी सभी चेहरों पर आसानी से पढ़ी जा सकती है। इंदौर में पहला टीका आशा पवार नामक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को लगाया गया है।
मीडिया की मौजूदगी में टीका लगवाने वाली आशा पवार ने बताया कि टीके के प्रभावों को लेकर उनके मन में कोई डर नहीं है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि यह टीका महामारी से लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होगा। टीका लगवाने के बाद पवार (55) ने अंगुलियों से 'विक्टरी साइन' बनाते हुए प्रसन्ना व्यक्त की।
पवार ने बताया कि इंदौर में महामारी के प्रकोप की शुरुआत के वक्त डर का माहौल था, लेकिन अब टीका लगवाने के बाद मेरे मन में कोई डर नहीं है और मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि यह टीका कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों की रक्षा करते हुए उनकी जान बचाने में मददगार साबित होगा। पवार जिला चिकित्सालय में आया के रूप में पदस्थ हैं।
पवार को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में कोविड-19 का टीका लगाया गया। इस दौरान प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट तथा इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद थे। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, सीईओ जिला पंचायत हिमांशु चंद्र एवं अन्य अधिकारी भी एमवाय पहुंचे। टीकाकरण केंद्र को गुब्बारों से सजाया गया था।
दूसरी ओर, अरबिंदो अस्पताल में सबसे पहला टीका चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सीमा डागर को लगा। पांच टीकाकरण केंद्रों पर सुबह 9 बजे से टीका लगने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले टोकन बांटे गए। रोजाना 100-100 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाया जाएगा। हफ्ते में चार दिन टीकाकरण होगा।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में गत 24 मार्च से लेकर 15 जनवरी तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 56 हजार 969 मरीज मिले हैं। इनमें से 917 मरीजों की मौत हो चुकी है।