नई दिल्ली। देश में लगातार 6ठे दिन कोरोनावायरस संक्रमण के 20,000 से अधिक मामले सामने आने के बीच एक केंद्रीय दल ने अपनी रिपोर्ट में महाराष्ट्र में कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरूआत के बारे में आगाह किया है। महाराष्ट्र में बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्य को संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए सख्त रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।
देश में कोरोना के हालत और टीकाकरण अभियान की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे। कोरोना महामारी के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री इस तरह से मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करते रहे हैं। आखिरी बार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के बीच वर्चुअल वार्ता टीकाकरण अभियान शुरू होने से ठीक पहले जनवरी में हुई थी।
उधर, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 मामलों में 2 फरवरी तक गिरावट दर्ज की जा रही थी। हालांकि, उसके बाद से रोजाना सामने आने वाले नए मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। भारत में 1 दिन में कोविड-19 के 24,492 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,14,09,831 हो गई है। देश में लगातार 6ठे दिन 20 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार की सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 131 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,58,856 हो गई।
देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है और अभी 2,23,432 लोगों का कोरोनावायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.96 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक 1,10,27,543 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। हालांकि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर में गिरावट आई है और यह 96.65 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.39 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 17,864 नए मामले सामने आए जो कि इस साल प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में सबसे ज्यादा हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही महामारी से 87 और मरीजों की मौत हो गई। राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 23,47,328 हो गए हैं और मृतकों की संख्या 52,996 पर पहुंच गई है। अब तक कोविड-19 के 21,54,253 मरीज ठीक हो चुके हैं और अभी 1,38,813 मरीज उपचाराधीन हैं।
वहीं महाराष्ट्र का दौरा करने के बाद केंद्रीय दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मरीजों का पता लगाने, जांच करने, उन्हें एवं उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को पृथक रखने पर बहुत सीमित सक्रिय प्रयास हो रहे हैं तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोग कोविड-19 संबंधी सुरक्षा नियमों का पालन भी नहीं कर रहे हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा है और कहा है कि रात्रि कर्फ्यू, सप्ताहांत लॉकडाउन जैसे कदमों का संक्रमण के प्रसार को रोकने पर बहुत सीमित प्रभाव है और ऐसे में राज्य से कड़ी निषिद्ध रणनीतियां अपनाने तथा निगरानी एवं जांच बढ़ाने पर ध्यान देने की अपील की जाती है।
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंते को भेजे एक पत्र में कहा गया है कि वैसे तो फिलहाल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा पर्याप्त है लेकिन राज्य को समय रहते भीषणतम स्थिति की योजना बनानी चाहिए। केंद्रीय दल ने 7-11 मार्च के दौरान महाराष्ट्र का दौरा किया था और उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिस तरह प्रशासनिक मशीनरी ने अगस्त-सितंबर, 2020 में कोविड-19 की रोकथाम के लिए काम किया, वैसी ही चुस्ती अब उसके अंदर लाई जानी चाहिए।
रिपोर्ट में जांच काफी बढ़ाने एवं आईसीएमआर के नियमों का पालन करने पर बल दिया गया। इसमें कहा गया है कि संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान के लिए सघन अभियान, जांच एवं निषिद्ध क्षेत्र बनाने के अभाव में सामुदायिक संक्रमण फैल रहा है। केंद्रीय दल ने कहा कि मामले-संपर्क अनुपात 1:20 है। वैसे तो यह अधिक जान पड़ता है लेकिन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान के तौर-तरीकों पर गौर करने से पता चलता है कि क्षेत्र स्तर के कर्मचारियों ने इसकी अवधारणा सही से समझी नहीं है और वे बस सूची बनाने के लिए परिवार एवं पड़ोस लोगों की सूची बना रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यस्थल, सामाजिक व्यवस्था और पारिवारिक व्यवस्था में उच्च खतरे वाले संपर्कों की जांच और उनकी सूची नहीं बनाई गई। दूसरी तरफ, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि सितंबर 2020 के मध्य से संक्रमण के मामलों में जारी गिरावट के बाद केंद्र कोविड-19 के दोबारा बढ़ते मामलों पर सक्रिय रूप से नजर बनाए हुए है।
मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते नए मामलों के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को निर्णय लिया कि भोपाल एवं इंदौर में बुधवार से रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया जाएगा और आठ अन्य शहरों में रात्रि 10 बजे बाजार बंद होंगे। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यहां कोविड-19 की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि भोपाल एवं इंदौर सहित जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल एवं खरगोन में रात्रि 10 बजे दुकानें बंद होंगी। इन जिलों में कोरोना के अधिक मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि इंदौर एवं भोपाल में बुधवार से रात्रिकालीन कर्फ्यू लगेगा। उन्होंने कहा कि होली पर सामूहिक आयोजन नहीं होंगे। लेकिन व्यक्तिगत आयोजनों पर रोक नहीं होगी। वहीं, कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए गुजरात सरकार ने मंगलवार को चार बड़े शहरों में रात का कर्फ्यू 2 घंटे के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया।
सरकारी बयान में बताया गया है कि अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत और राजकोट में अब रात के 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा। पहले रात बारह बजे से सुबह 6 बजे तक का कर्फ्यू लगाया गया था। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अगुवाई में कोरोनावायरस कार्यबल ने मंगलवार को अपनी कोर समिति की बैठक में यह निर्णय लिया। (भाषा)