जम्मू। कश्मीरियों को लाकडाउन 3 के तहत कोई छूट नहीं मिलने जा रही क्योंकि बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरी कश्मीर वादी को रेड जोन मान लिया गया है। हालांकि एक जिला ग्रीन में और कुछेक ओरेंज में भी आते हैं पर प्रशासन कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कश्मीर डिविजन में केवल चार जिलों को रेड जोन घोषित किया है, लेकिन अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि पूरी घाटी को रेड जोन के तौर पर देखा जाएगा और जरूरी मामलों में अनुमति के अलावा किसी भी प्रकार की कोई छूट की अनुमति नहीं दी जाएगी। राष्ट्रीय लॉकडाउन में सोमवार से दो सप्ताह के लंबे विस्तार के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है।
कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर पी.के. पोल ने कहा कि रेड और ऑरेंज जोन के बीच बहुत कम अंतर है। उन्होंने कहा कि हम इस समय ढिलाई नहीं कर सकते। अगले आदेश तक घाटी के सभी दस जिलों को रेड जोन माना जाएगा।
पोल ने कहा कि हमारे पास केवल एक जिला है, जिसे ग्रीन जोन घोषित किया गया है। पुलवामा भले ही ग्रीन जोन हो लेकिन, यहां कुछ नए मामले भी प्रकाश में आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केवल चार जिलों बांदीपोरा, श्रीनगर, शोपियां और अनंतनाग को रेड जोन बताया है। पुलवामा ग्रीन जोन घोषित किया गया है, जबकि कश्मीर डिविजन के अन्य सभी पांच जिलों, कुलगाम, शोपियां, बडगाम, गांदरबल और बारामूला को ऑरेंज जोन कहा गया है।
दरअसल कल कश्मीर में 27 नए मामले सामने आए थे और संक्रमितों की संख्या 641 हो गई है। पिछले कुछ दिनों से राज्य में नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कश्मीर संभाग में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने रेड जोन व ऑरेंज जोन की सूची में शामिल इलाकों में जारी लॉकडाउन को और सख्ती से लागू कर दिया है।
इनमें 25 कश्मीर संभाग और दो जम्मू संभाग के सांबा जिले के हैं। सांबा में 17 दिन बाद और जम्मू संभाग में चार दिन बाद ये नये मामले आए हैं। सांबा में मिले दोनों संक्रमित श्रमिक हैं जो दो दिन पहले ही दिल्ली व मुंबई से लौटे हैं। दोनों को क्वारंटाइन किया गया था। इन्हें मिलाकर अब तक जम्मू-कश्मीर में 641 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 386 एक्टिव मामले हैं। इस बीच, राहत की बात यह है कि 31 और लोगों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिल गई है। प्रदेश में ठीक होने वालों की संख्या 247 हो गई है।