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Special Story : बोस्टन में बुजुर्गों के लिए Corona काल में खरीदारी का अलग समय

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डॉ. रमेश रावत

, बुधवार, 3 जून 2020 (11:42 IST)
कोविड 19 के चलते अमेरिका के बोस्टन में भी हालात ठीक नहीं है। यहां आमजन के मुकाबले स्वास्थ्यकर्मियों का जीवन ज्यादा प्रभवित हुआ है। यहां इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड (कम प्रतिरोधक क्षमता) ग्राहक एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाजार में दुकानों पर खरीददारी के लिए अलग से समय तय है। अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव से नकारा नहीं जा सकता। इन्हीं सभी चुनौतियों के बीच वोरस्टर, मैसाचुसेट्स, बोस्टन में रह रहे भारतीय प्रवासी एवं न्यू इंग्लैंड डेंटल ग्रुप में जनरल डेंटिस्ट के पद पर कार्यरत डॉ. अंकुर ओसवाल ने कोरोना (Corona) कालखंड के दौरान शहर एवं अमेरिका की स्थिति पर वेबदुनिया से खुलकर बातचीत की। 
 
कोविड ने बदला स्वास्थ्यकर्मियों का जीवन : कोविड-19 ने निश्चित रूप से सभी के जीवन को बदलकर रख दिया है। विशेषकर जो स्वास्थ्यकर्मी हैं, उनके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य देशों की तरह प्रतिबंध सख्त नहीं हैं। इसके साथ ही यहां कभी पूर्ण लॉकडाउन भी नहीं था।
 
इस तरह व्यस्त रखता हूं खुद को : डॉ. अंकुर ने बताया कि घर पर रहने के दौरान मैं नई स्किल, नई भाषा सीख रहा हूं। बेटी के साथ भी खेलता हूं। बेटी का किंडरगार्टन प्रेप स्कूल को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। उसे घर पर ही सिखाने और नई जानकारियां देने की कोशिश करता हूं। 
 
एक डेंटिस्ट होने के नाते मैं वर्क फ्रॉम होम नहीं कर सकता, इसलिए मैं ऑनलाइन शिक्षा पाठ्यक्रमों में भाग ले रहा हूं। नई तकनीक को सीखकर खुद को अपडेट रखने के साथ ही अपने भीतर भी नई तकनीक का विकास कर रहा हूं। मैं अपने समुदाय एवं परिवार के साथ में इम्युनिटी को और अधिक बढ़ाने के लिए घर पर ही व्यायाम एवं जॉंगिंग करता हूं एवं स्वयं को पूरी तरह फिट रखने का प्रयास करता हूं।
 
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24 घंटे रहते हैं तैयार : कोविड 19 के इस माहौल में मुझे अभी भी अपने दंत चिकित्सालय में आपात स्थिति में दंत चिकित्सा के लिए जाना पड़ता है। इसके लिए यहां के नियमों के तहत मैं 24x7 उपलब्ध रहता हूं। दांत का दर्द काफी असहनीय होता है। अत: कोरोना के दौर में ऐसे रोगियों की देखभाल हमारी जिम्मेदारी है। 
 
'खास' ग्राहकों के लिए खरीदारी का अलग समय : यहां पर किराना की दुकानें सीमित क्षमता एवं समय के साथ में खुलती हैं। इसमें सामाजिक सुरक्षा के मापदंडों का पूरा ध्यान रखा जाता है। इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड ग्राहक एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यहां पर विशेष रूप से सुबह के समय के घंटे खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। कुछ दुकानदारों ने ऑर्डर को ऑनलाइन रखने एवं कर्बसाइड पिकअप का भी विकल्प ग्राहकों के लिए रखा हुआ है। इसके साथ ही यहां पर इंस्टाकार्ट की तरह ऑनलाइन पोर्टल भी हैं, जहां कोई भी आपकी ओर से किसी दूसरे के बीहाफ पर किराने का सामान खरीद सकता है। 
 
बाहरी गतिविधियां बंद : कोविड के कारण यहां पर कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, पाठ्यक्रम आदि को या तो रद्द कर दिया गया है अथवा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। आगे सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार एवं नियमों के अनुसार ही इन्हें संचालित एवं आयोजित किया जा सकेगा। मैं बोस्टन के आसपास के पूर्वोत्तर क्षेत्र के बाहर रह रहा हूं। यहां जून की शुरुआत में यहां गर्मी आरंभ हो जाती है। कोरोना के कारण अधिकांश बाहरी गतिविधियां बंद हैं। 
 
स्वच्छता से कोरोना को हरा सकते हैं : संयुक्त राज्य अमेरिका में संघीय सरकार और राज्य सरकारें हैं। संघीय सरकार प्रमुख नियमों को निर्धारित करती है और फिर प्रत्येक राज्य के राज्यपाल की स्थानीय स्थिति के आधार पर कार्रवाई की अपनी योजना है। लेकिन कोविड के अब तक के पूरे परिदृश्य से हमने वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इसे फैलने से रोकने के लिए यही सीखा है कि बुनियादी स्तर पर स्वच्छता के नियमों एवं उपायों का पूरा पालन करें। जैसे कि बार-बार हाथ धोना, खांसी से दूर रहना, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना, बिना हाथ धोए एवं साफ किए अपनी आंखों, मुंह और नाक को नहीं छूना आदि शामिल है। 
 
मीडिया की सकारात्मक भूमिका : बोस्टन, मैसाचुसेट्स में डब्ल्यूसीवीबी समाचार, बोस्टन 25, सीएनएन, फॉक्स समाचार सहित अनेक अलग-अलग समाचार एजेंसिया कार्य कर रही हैं। इनसे लोगों को कोविड 19 से संबंधित समस्त जानकारियां एवं सरकारी नीतियों की जानकारी प्राप्त हो रही है। हमें टेलीविजन चैनल, समाचार चैनल, प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया के जरिए भी जानकारी मिलती है। फेक न्यूज के मद्देनजर यहां सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग भरोसा नहीं करते। 
 
भारत में संक्रमण रोकना बड़ी चुनौती : प्राप्त समाचारों के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  भारत में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। भारत 130 करोड़ की आबादी वाला देश है। इसलिए यहां कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए सख्त से सख्त उपाय करने की आवश्यकता है। जहां एक ओर विश्व के सबसे अच्छे एवं विकसित देश अपने सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचों के साथ कोविड संक्रमण को रोकने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यदि देखभाल की कमी रहती है तो यह भविष्य के लिए खतरा हो सकता है। विश्व को ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड जैसे देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनके द्वारा संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपाय एवं व्यवहार को ध्यान में रखना चाहिए। 
 
अर्थव्यवस्था पर पड़ा है प्रभाव : बोस्टन की अर्थव्यवस्था भी संयुक्त राज्य अमेरिका के अन्य बड़े शहरों जैसे ही समान रूप से प्रभावित हुई है। संक्रमण के चलते सभी प्रकार के व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। 2008 के वित्तीय संकट के दौरान बैंकिंग और रियल इस्टेट सेक्टरों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। कोविड-19 के नुकसान का आकलन तो हम भविष्य में ही कर सकते हैं या भविष्य ही इसके बारे में बताएगा। बेरोजगारी की बात करें तो 40 मिलियन लोगों की भर्ती के बंद होने के साथ ही ले-ऑफ टाइम हाई रहा है।
 
वहीं कुछ विशेषज्ञ एवं जानकारों का अनुमान है कि यह एक बहुत बड़े अवसाद के बराबर है। अमेरिकी सरकार अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रख रही है। इसके चलते पहले से ही अर्थव्यवस्था को विभिन्न चरणों में फिर से खोलना शुरू कर दिया हैं एवं जल्द से जल्द ही इसे बहाल करने की उम्मीद भी है। 
 
पर्यटन उद्योग में गिरावट : फरवरी 2020 से पहले राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रशासन में अर्थव्यवस्था काफी मजबूत थी। कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है। पर्यटन के क्षेत्र पर कोरोना के कारण बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही यदि विशेषज्ञों की मानें तो पर्यटन के क्षेत्र में व्यापार में 75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज होने का अनुमान है। अवकाश यात्राएं भी प्रभावित होंगी, जिसके चलते पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा।
 
बोस्टन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां बहुत सारे व्यवसायी एवं पर्यटक दुनिया भर से आते हैं। यहां पर्यटन, हास्पिटेलिटी उद्योग को बहुत बड़ा झटका लगेगा। यहां सरकार व्यवसायों को पुनर्जीवित करने एवं अर्थव्यवस्था को अच्छा आकार देने के लिए एवं उद्योगों को उबारने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। 
 
अंकुर कहते हैं कि दुनिया वैक्सीन बनाने के लिए एक साथ काम कर रही है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमें निकट भविष्य में कोविड-19 को हराने के लिए एक वैक्सीन मिल जाएगी। इससे हम अपने सामान्य जीवन को वापस आरंभ करने में सक्षम होंगे। जिस प्रकार से हम पिछली महामारियों से निपटे हैं, उसी प्रकार से इस वायरस से भी निपट लेंगे। (डॉ. अंकुर ओसवाल मूलत: जबलपुर (मध्यप्रदेश) के रहने वाले हैं। मुंबई से डेंटल में बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद यूएस से मास्टर्स डिग्री ली, अब वहीं जॉब कर रहे हैं।) 

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