Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

जम्मू कश्मीर के 20 में 13 जिलों में कोरोना रिटर्न, सरकार का टेस्टिंग, मास्क और सेनेटाइजर पर जोर

हमें फॉलो करें जम्मू कश्मीर के 20 में 13 जिलों में कोरोना रिटर्न, सरकार का टेस्टिंग, मास्क और सेनेटाइजर पर जोर
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

, बुधवार, 5 अप्रैल 2023 (10:09 IST)
जम्मू। टूरिस्टों की भीड़ के साथ ही कोरोना ने भी जम्मू कश्मीर में वापसी कर ली है। हालत यह है कि 20 में से 13 जिले कोरोना प्रभावित हो चुके हैं। कोरोना का नया स्वरूप सबको डराने लगा है। सबसे ज्यादा डर टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों में है। उनका मानना है कि अगर कोरोना की रफ्तार यूं ही रही तो पर्यटन ढलान पर आ जाएगा।
 
लाकडाउन की पाबंदियों से बचने की खातिर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। औचक जांच को बढ़ा दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि पर्यटकों की भी कोरोना टेस्टिंग की जा सकती है। फिलहाल यह तय नहीं हो पाया है कि कोरोना जांच के लिए स्थाई शिविर लगाए जाए या नहीं पर अस्पतालों में यह तेज कर दी गई है।
 
दो दिनों में कोरोना के 166 नए मरीज प्रदेश में पाए गए हैं। तेरह जिलों में ही फिलहाल कोरोना के मामले सामने आए हैं। कश्मीर और जम्मू संभाग में कोरोना मरीजों की संख्या लगभग बराबर ही है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क करने के प्रचार की शुरुआत भी कर दी है। लोगों को भीड़भाड़ से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। फिलहाल मास्क अनिवार्य करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है पर इस पर विचार जरूर किया जा रहा है।
 
प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेने को कहा है। इससे बचने के लिए मास्क और सेनेटाइजर के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। सरकारी प्रवक्ता ने मास्क पहनने सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया है। प्रवक्ता ने बुजुर्ग व्यक्तियों और बच्चों को भीड़भाड़ वाले और खराब हवादार स्थानों से बचने के लिए भी प्रेरित किया है।
 
आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर की 18 से अधिक आयु वर्ग की अनुमानित 93 लाख (कुल आबादी का 66 प्रतिशत का हिस्सा) आबादी में से 80 प्रतिशत (76 लाख से अधिक) ने एहतियाती खुराक ली ही नहीं है।
 दरअसल जम्मू कश्मीर के चिकित्सा केंद्रों पर मौजूदा एहतियाती टीके की खुराक उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से खुराक की मांग की गई है, लेकिन अभी तक यह उपलब्ध नहीं हो पाई है। एक साल से प्रदेश में कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। सार्वजनिक स्थानों से लेकर चिकित्सा केंद्रों तक यही हालत है। सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग, बार-बार हाथ धोने का चलन खत्म हो चुका है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गैंगस्टर दीपक ‘बॉक्सर’ को मेक्सिको से दिल्ली लाया गया, जानिए कैसे देश से फरार हुआ था 3 लाख का इनामी बदमाश