नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए बायोलॉजिकल ई के टीके कोर्बेवैक्स को बूस्टर खुराक के तौर पर इस्तेमाल की अनुमति देने पर एनटीएजीआई विचार कर सकता है जिसकी बैठक मंगलवार को होगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोर्बेवैक्स को 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए एहतियाती खुराक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए 4 जून को मंजूरी दी थी। भारत के पहले स्वदेश विकसित आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट टीके कोर्बेवैक्स का उपयोग इस समय 12 साल से 14 साल तक के बच्चों के लिए किया जा रहा है।
एक सूत्र ने बताया कि 'टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह' (एनटीएजीआई) कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स के उपयोग की अनुमति देने पर विचार-विमर्श करेगा जिसे डीसीजीआई मंजूर कर चुका है।
सरकार की यह सलाहकार समिति सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित देश के पहले सर्वाइकल कैंसर रोधी क्वाड्रिवैलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस (क्यूएचपीवी) टीके के परीक्षण आंकड़ों की भी समीक्षा कर सकता है। सूत्रों ने बताया था कि एनटीएजीआई के एक अलग एचपीवी कार्यसमूह ने 8 जून को टीके के क्लिनिकल परीक्षण के आंकड़ों और इसे राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने की उपयोगिता का अध्ययन किया था।(भाषा)