नई दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चिंता प्रकट करते हुए शुक्रवार को केजरीवाल सरकार से 10 सूत्री मांग की और सवाल किया कि क्या राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना तीसरे चरण में पहुंच रहा है?
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने देश में कोरोना वायरस की जांच की संख्या पर असंतोष प्रकट किया और कहा कि आबादी को देखते हुए जांच के मामले में भारत को दुनिया में सबसे ऊपर होना चाहिए। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से कहा कि आबादी के हिसाब से जांच हो। जांच के मामले में दुनिया में भारत सबसे ऊपर होना चाहिए, नीचे नहीं रहना चहिए।
माकन ने दिल्ली की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना के 1,640 मामले आए हैं। 135 मामले ऐसे हैं जिनके स्रोत के बारे में पता नहीं है। यह स्थिति बहुत चिंताजनक है। केजरीवाल को बताना चाहिए कि क्या दिल्ली में कोरोना तीसरे चरण में जा रहा है?
उन्होंने कहा कि दिल्ली इकलौता राज्य है, जहां 55 चिकित्साकर्मी संक्रमित हुए हैं। माकन ने दिल्ली में एक पिज्जा डिलीवरी बॉय के कोरोना से संक्रमित होने का हवाला देते हुए सरकार से मांग की कि जितने लोग भी लॉकडाउन से छूट के दायरे में आते हैं, उनके लिए मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जानी चाहिए। यह बाध्यकारी हो। इसके लिए अधिसूचना जारी की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार हैं। हमारी मांग है कि इन्हें शहरों के अंदर रोका जाना चाहिए। इन्हें सुविधा दी जाए। प्रवासी कामगारों और रेहड़ी-पटरी वालों तथा रिक्शा चालकों को 7,500 रुपए लॉकडाउन के दौरान हर महीने दिए जाने चाहिए।
माकन ने कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा फिक्स्ड चार्ज है, कामकाज बंद है। छोटे उद्योगों और दुकानदारों के बिजली कनेक्शन पर फिक्स्ड चार्ज खत्म किया जाए। राजस्थान और पंजाब की सरकार ने ऐसा किया है। उन्होंने यह मांग भी की कि 60 फीसदी घरों तक 2 महीने का राशन पहुंचाया जाए। निजी स्कूलों में शिक्षकों को 75 फीसदी वेतन सरकार दे और 3 महीने की फीस नहीं ली जाए। एमएसएमई मजदूरों को 75 फीसदी वेतन दिल्ली सरकार दे। सफाईकर्मियों को 3 महीने के लिए 7,500 रुपए मासिक दिया जाए।
उन्होंने दिल्ली सरकार से यह आग्रह भी किया कि पानी का बिल अभी नहीं लिया जाए और जहां पानी नहीं है, वहां लोगों के घरों में पानी पहुंचाए जाए। माकन ने कहा कि पंजाब और राजस्थान की तरह दिल्ली में भी बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन का 2 महीने का अग्रिम भुगतान किया जाए। (भाषा)