नई दिल्ली। कांग्रेस ने देश में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान की गति धीमी होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार, भारत के लोगों की कीमत पर दूसरे देशों में टीका भेजकर वैक्सीन डिप्लोमेसी कर रही है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने वर्ष 2021-22 के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह बात कही।
तिवारी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह कोरोना महामारी जैसी स्थिति से निपटने के संदर्भ में समग्र कानून और राज्यों के साथ मिलकर कारगर रणनीति बनाए।
उन्होंने कहा कि महामारी जैसे हालात में निजी अस्पतालों की मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए इनके नियमन की व्यवस्था भी बननी चाहिए जिसके दायरे में सरकारी चिकित्सा सेवा को भी लाया जाना चाहिए।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर का हवाला देते हुए यह भी कहा कि इस वायरस के प्रसार में चीन की भूमिका को सामने लाने के लिए भारत और स्वास्थ्य मंत्री को अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन करना चाहिए क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को औपचारिक रूप से सार्वजनिक पटल पर नहीं लाया गया। हैरान करने वाली बात है कि डब्ल्यूएचओ की कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता भारत कर रहा है।
तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कृपया सुनिश्चित करें कि वायरस संक्रमण के प्रसार में चीन की भूमिका पर पर्दा नहीं डाला जा सके।
देश में चल रहे टीकाकरण अभियान का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 3.48 करोड़ लोगों को टीका लगा चुका है। दूसरी खुराक का टीका लगवाने वालों की संख्या 61लाख से अधिक है। इसका मतलब है कि बहुत कम लोगों को टीका लगा है।
उन्होंने दावा किया कि अगर टीकाकरण इसी गति से चलता रहेगा तो सीरम इंस्ट्यूट में मौजूद स्टॉक का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। (भाषा)