बेरहामपुर (ओडिशा)। ओडिशा के बेरहामपुर में एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कोविड-19 महामारी के बाद मार्च से कॉर्निया (आंख की पुतली की रक्षा करने वाला सख्त सफेद भाग) का प्रतिरोपण बंद चल रहा है। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हाल ही में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार ने नेत्रदान करने की इच्छा जताई, लेकिन महामारी के चलते चिकित्सक प्रतिरोपण नहीं कर पा रहे हैं।
कोविड-19 महामारी से पहले एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का नेत्र विभाग हर महीने औसतन 7 कॉर्निया प्रतिरोपित किया करता था, लेकिन महामारी फैलने के बाद मार्च से प्रतिरोपण बंद है। नेत्र विभाग की प्रमुख सुचित्रा दास ने यह जानकारी दी।
एक नेत्र विशेषज्ञ ने कहा कि मार्च के अंत में 150 रोगियों में प्रतिरोपण होना था। अब ऐसे रोगियों की संख्या बढ़कर 250 हो गई है। दास ने कहा कि हम मृतक की कोविड-19 स्थिति जाने बिना कॉर्निया लेने का जोखिम नहीं उठा सकते। वैसे भी ऑपरेशन थिएटर बंद होने के चलते इन्हें तत्काल प्रतिरोपित नहीं किया जा सकता।
सिल्क सिटी और उसके आसपास कोविड-19 के बाद से नेत्रदान गतिविधियां बंद हैं। बेरहामपुर निवासी 85 वर्षीय व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उन्होंने 5 साल पहले नेत्रदान करने की इच्छा जताई थी, लेकिन कोविड-19 के चलते चिकित्सकों ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। मृतक के परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।
नेत्र दान अभियान कार्यकर्ता जे. सुरेश ने बताया कि कम से कम 1 दर्जन मृतकों के परिजन ने नेत्रदान की इच्छा जताई है, लेकिन अभी उनके नेत्रों का प्रतिरोपण नहीं किया जा सका, क्योंकि नेत्र शल्य चिकित्सक मृतकों की कोविड-19 स्थिति को लेकर चिंता के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। (भाषा)