Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

डराने वाली खबर, 15 मई तक उपचाराधीन कोरोना मरीजों की संख्या हो सकती है 35 लाख

हमें फॉलो करें डराने वाली खबर, 15 मई तक उपचाराधीन कोरोना मरीजों की संख्या हो सकती है 35 लाख
, शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021 (16:31 IST)
नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगी और उस समय देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है और इसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी।

 
भारत में शुक्रवार को 1 दिन में संक्रमण के 3,32,730 (3.32 लाख) नए मामले आए जबकि 2263 लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 24,28,616 हो गई है। आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड दस ससेक्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) एंड रिमूव एप्रोच (सूत्र) मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की वृद्धि हो सकती है।
 
वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना नए मामलों के संदर्भ में 25 से 30 अप्रैल के बीच नई ऊचांई छू सकते हैं जबकि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ संभवत: पहले ही नए मामलों के संदर्भ में चरम पर पहुंच गए हैं।

 
आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने बताया कि हमने पाया कि 11 से 15 मई के बीच उपचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की तार्किक वजह है और यह 33 से 35 लाख हो सकती है।
यह तेजी से होने वाली वृद्धि है लेकिन उतनी तेजी से ही नए मामलों भी कमी आने की संभावना है व मई के अंत तक इसमें नाटकीय तरीके से कमी आएगी।
 
वैज्ञानिकों ने अब तक इस अनुसंधान पत्र को प्रकाशित नहीं किया है और उनका कहना है कि सूत्र मॉडल में कई विशेष पहलू हैं जबकि पूर्व के अध्ययनों में मरीजों को बिना लक्षण और संक्रमण में विभाजित किया गया था।
नए मॉडल में इस तथ्य का भी संज्ञान लिया गया है कि बिना लक्षण वाले मरीजों के एक हिस्से का पता संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच या अन्य नियमों के द्वारा लगाया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में गणितीय मॉडल के माध्यम से अनुमान लगाया गया था कि देश में 15 अप्रैल तक संक्रमण की दर अपने चरम पर पहुंच जाएगी लेकिन यह सत्य साबित नहीं हुई।

अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा चरण के लिए हमारे मॉडल के मापदंड लगातार बदल रहे हैं, इसलिए एकदम सटीक आकलन मुश्किल है। यहां तक कि रोजाना के मामलों में मामली बदलाव से चरम की संख्या में हजारों की वृद्धि कर सकते हैं। अग्रवाल ने बताया कि महामारी का पूर्वानुमान लगाने के लिए मॉडल में 3 मापदंडो का इस्तेमाल किया गया है। पहला बीटा या संपर्क, जिसकी गणना इस आधार पर की जाती है कि एक व्यक्ति ने कितने अन्य को संक्रमित किया। उन्होंने बताया कि दूसरा मापदंड है कि महामारी के प्रभाव क्षेत्र में कितनी आबादी आई, तीसरा मापदंड पुष्टि हुए और गैर पुष्टि हुए मामलों का संभावित अनुपात है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति ने 5वीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी की