लॉकडाउन के दौर में जहां कुछ लोग मानवता की सेवा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जालसाजी और धोखाधड़ी करने वाली गैंग भी सक्रिय है।
लोगों से रुपए ऐंठने के लिए हैकर्स नई-नई तरकीबें आजमा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी धोखाधड़ी का एक बड़ा माध्यम बन गया है। ऐसे संवेदनशील समय में लोगों को मदद के नाम पर लूटा भी जा रहा है।
फेसबुक, व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों पर धोखाधड़ी के ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं। किसी का फेसबुक अकाउंट हैक कर या फिर उसका क्लोन बनाकर उनके मित्रों और परिजनों से पैसे मांगे जा रहे हैं।
हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। संस्कृत कॉलेज में शिक्षक डॉ. अभिषेक पांडेय ने बताया कि एक नामी समाजसेवी के फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से मदद की अपील की गई। वे समाज की एक बड़ी हस्ती हैं। मैसेंजर में कहा गया कि समाजसेवी अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें रुपयों की आवश्यकता है।
किसी भी डिजिटल वॉलेट की मदद से सहायता की अपील की गई। जब डिजिटल वॉलेट में असमर्थता जाहिर की तो उन्होंने एटीएम कार्ड का नंबर और पासवर्ड के बारे में पूछा गया।
डॉ. पांडेय ने बताया कि जब समाजसेवी के परिजनों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वे बिलकुल स्वस्थ हैं।
उन्होंने बताया कि फेसबुक मैसेंजर पर इस तरह कई लोगों से सहायता मांगी जा रही है। ऐसे समय सावधानी और सतर्कता की बहुत आवश्यकता है।
सावधानी की जरूरत : हैकर्स आपके फेसबुक अकाउंट का क्लोन बनाकर उसका उपयोग परिचितों से रुपए लूटने के लिए कर सकते हैं। अत: ध्यान रखें अपने फेसबुक अकाउंट के सिक्योरिटी फीचर्स का उपयोग करें।
हालिया देखने में आया है कि एक ही प्रोफाइल के नाम की फ्रेंड रिक्वेस्ट आ रही है। किसी भी अनजान प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। अनजान व्यक्ति से किसी भी डिजिटल प्लेटफार्म पर लेन-देन न करें।
अपने एटीएम कार्ड का नंबर और पासवर्ड, बैंक खातों का नंबर किसी के साथ शेयर न करें। बैंक के नाम से भी फर्जी कॉल आ सकता है।
ऐसे किसी भी काम के लिए पहले पूरी तरह जांच कर लें। यदि किसी मित्र या परिचित के फेसबुक अकाउंट से आर्थिक मदद से संबंधित कोई मैसेज मिलता है, तो वह उसकी पुष्टि जरूर कर लें। अन्यथा ठगी का शिकार हो सकते हैं।