भोपाल। प्रदेश में लगातार खबरें आ रही हैं गंभीर मरीजों को भी अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं। इस स्थिति के चलते कई लोगों की इलाज के अभाव में मौत हो गई। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने 'स्टेट पोर्टल फॉर कोविड-19 मॉनिटरिंग' के लिए एक लिंक जारी की है। इस लिंक पर जाकर राज्य में अस्पतालों की स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है।
इस लिंक को जब आप खोलते हैं तो यह दिखाई देता कि संबंधित अस्पताल का डाटा किस समय अपडेट किया गया है। हालांकि इंदौर और भोपाल शहर के अस्पतालों की बात करें तो ज्यादातर जगह 'शून्य' ही नजर आता है। शहर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की जानकारी देखने पर पता चला कि वहां कुल 377 बेड हैं, लेकिन 7 बजे के लगभग वहां एक भी बेड खाली नहीं था। एमआरटीबी के भी सभी बेड फुल हैं।
इसी तरह सरकार का जिन अस्पतालों से अनुबंध है, उनमें अरविन्दो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 400 बेड दिखाए जा रहे हैं, लेकिन खाली एक भी नहीं। इंडेक्स में जरूर 1000 में 214 बेड खाली दिखाए गए हैं। हालांकि वे सिर्फ आइसोलेशन बेड हैं। ऑक्सीजन और आईसीयू में बेड खाली नहीं हैं।
इसी तरह यदि निजी अस्पतालों की बात करें तो बॉम्बे में हॉस्पिटल में कुल बेड की संख्या 105 है और सभी भरे हुए हैं। चोइथराम में 157 कोविड बेड हैं, लेकिन खाली एक भी नहीं है। इतना ही नहीं, जिस बाफना हॉस्पिटल की लिंक यह कहकर शेयर की जा रही थी कि वहां बेड खाली हैं। जब लोगों ने फोन लगाए तो वहां से कोई रिस्पांस ही नहीं था। वहां भी सभी 21 बेड फुल हैं।
अपोलो, भंडारी अस्पताल में एक भी बेड खाली नहीं है। अरबिन्दो मेडिकल कॉलेज में जरूर 1000 बेड में से सिर्फ 2 बेड खाली दर्शाए गए हैं। लगभग सभी अस्पतालों की स्थिति ऐसी ही है। ऐसे में सवाल उठता है कि बीमार जाए तो जाए कहां? इस लिंक के साथ यह भी बताया गया है कि अस्पताल नि:शुल्क है या निजी। निजी अस्पतालों की श्रेणी में आप वहां अस्पताल का पैकेज भी देखा जा सकता है।
कोरोना की स्थिति का अनुमान आप इस लिंक से लगा सकते हैं। आलीराजपुर जैसी छोटी जगह में सरकारी अस्पताल में 85 में से मात्र 14 बेड खाली हैं। धार जिला अस्पताल में सभी 120 बेड फुल हैं। बालाघाट जैसी जगह के आरोग्य अस्पताल में सभी 35 बेड फुल हैं। जिला अस्पताल बालाघाट में कोई बेड खाली नहीं है। इससे आप प्रदेश में कोरोना की स्थिति का सहज ही अनुमान लगा सकते हैं।