मध्यप्रदेश-राजस्थान बॉर्डर नयागांव पर मंगलवार सुबह 5 हज़ार मजदूर अपने घरों की वापसी के लिए पहुंचे। इनमें से 3500 मजदूर राजस्थान के जैसलमेर से आए हैं, जो एमपी के मंदसौर, रतलाम, धार, झाबुआ और शाजापुर जाएंगे। वहीं, एमपी के अन्य जिलों से 1500 मजदूर आए हैं जो राजस्थान जाएंगे।
इन मजदूरों को इनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए नयागांव बॉर्डर पर करीब 200 बसें दोनों राज्यों की लगी हैं। सबसे ख़ास बात यह है कि मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका। इन मजदूरों के पास न मास्क थे न सैनेटाइजर, इन्हें तो बस अपनी घर वापसी की चिंता थी।
इन मजदूरों में शामिल रतलाम जिले के सैलाना तहसील के खाकड़ा पाड़ा के दिलीप ने वेबदुनिया से ख़ास बातचीत में बताया कि हम सभी मजदूर दो माह से राजस्थान के जैसलमेर जिले के जिंजाली में फंसे थे। बेहद मुश्किल में थे। अब सरकार हमें घर भेज रही है।
वहीं, मौके पर पहुंचे जावद (नीमच) के विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि सीएम शिवराजसिंह चौहान के प्रयास से ये 5 हज़ार मजदूर अपने घर जा रहे हैं। इन्हें भोजन करवाकर इनके गंतव्य पर भेजा जा रहा है। वहीं, नीमच के एसपी मनोज राय ने बताया की इन 5 हज़ार मजदूरों की तमाम व्यवस्था प्रशासन ने की है।
उन्होंने कहा की एमपी के आगर, रतलाम, बड़वानी से 1500 मजदूर आए हैं, जिन्हें राजस्थान भेजा जा रहा है। राजस्थान के जैसलमेर जिले से करीब 3500 मजदूर आए हैं, जिन्हें मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, धार और झाबुआ भेजा जा रहा है। इनके लिए करीब 200 बसों का इंतज़ाम किया गया है, जिसमें 113 बसें मध्यप्रदेश की हैं।