Ground Report : 'धरती के स्वर्ग' पर काल बना Corona, जम्मू-कश्मीर के 11 जिलों में 3 मई तक Lockdown का ऐलान
, बुधवार, 28 अप्रैल 2021 (17:50 IST)
जम्मू-कश्मीर में कोरोनावायरस से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। समाचार भिजवाए जाते समय तक 18 और लोगों की मौत हो चुकी थी। कल और परसों 53 लोगों की मौत हुई थी। इसके साथ ही मौत का आंकड़ा बढ़कर 2215 हो गया है। कोरोना को काबू में करने के लिए श्रीनगर, अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, कुलगाम, पुलवामा, गांदरबल, जम्मू, कठुआ, रियासी और उधमपुर सहित 11 जिलों में कल शाम 7 बजे से सोमवार शाम 7 बजे पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया गया है।
कश्मीर में दो सो से ज्यादा और जम्मू शहर में ही 35 से अधिक माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। श्रीनगर में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी को देखते हुए नगर निगम क्षेत्राधिकार में धारा 144 लागू है।
श्रीनगर के एसएसपी संदीप चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि धारा 144 को लागू करने के पीछे का मुख्य मकसद संक्रमण को रोकना है। धारा लागू करने के साथ ही श्रीनगर शहर में सुरक्षाबलों की तैनात सड़कों पर बढ़ा दी गई है। कोरोना की दूसरी लहर जम्मू जिले को भी बढ़ी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।
पूरे जम्मू संभाग में रोजाना कोविड-19 के जितने केस आ रहे हैं, उसमें से औसतन 60 प्रतिशत केस केवल जम्मू जिले से रिपोर्ट हो रहे हैं। जम्मू जिले में रोजाना करीब 500 नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं और यहीं कारण है कि अब यहां का स्वास्थ्य ढांचा भी तनाव में आ चुका है। निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
गांधी नगर अस्पताल में सभी सामान्य गतिविधियां बंद करके इसे कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के जानकारों की मानें तो अगर जम्मू जिले में कोविड-19 मरीजों की रफ्तार इसी तरह जारी रही तो आने वाले एक पखवाड़े में हालात बिगड़ सकते हैं।
काल बनकर टूट रहा है कोरोना : जम्मू-कश्मीर के लिए कोरोना काल बन कर टूटने लगा है। कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ें डराने वाले हैं। मध्यरात्रि से अब तक करीब 16 लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण जान गई है। मरने वालों में 20 साल की लड़की व 47 से 55 आयुवर्ग के लोग शामिल थे। इस महीने अभी तक 174 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि सिर्फ 4 दिनों में ही 80 मरीजों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मरने वाले 16 मरीजों में तीन महिलाएं थी जबकि अन्य पुरुष मरीज थे। आज जिस 20 वर्षीय लड़की की कोरोना से मौत हुई वह त्राल पुलवामा की रहने वाली थी। स्वास्थ्य खराब होने पर उसे सौरा स्थित स्किम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके अलावा घाटी में कोरोना से मरने वाली दूसरी 55 वर्षीय महिला काजीगुंड अनंतनाग की रहने वाली थी। वह भी स्किम्स में उपचाराधीन थी। भर्ती होने के तीसरे दिन उसकी मृत्यु हो गई।
सिर्फ चार दिनों में ही 80 मरीजों की मौत हो चुकी है।
इनमें से 11 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जो कि अस्पताल आने से पहले ही दम तोड़ चुके थे। वे अपने घरों में ही आइसोलेट हुए थे। ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जम्मू-कश्मीर में एक साल में पहली बार चार दिनों में इतनी मौतें हुई हैं।
सोमवार को 25 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी जबकि 25 अप्रैल को 21, 24 अप्रैल को 15 और 23 अप्रैल को 19 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें से नौ ऐसे मरीज थे जो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे ही नहीं।
उनकी घरों में ही मौत हो गई। इससे स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है और इससे सरकार की कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह भी लग गए हैं।
कश्मीर में एक साल से कोरोना मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ डा. निसार-उल-हक का कहना है कि बहुत से कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे हैं जिनके बारे में सरकारी आंकड़ों में भी जिक्र नहीं होता। पिछले साल सितंबर महीने में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी।
सितंबर महीने में 37,373 लोग संक्रमित हुए और 478 मरीजों की मौत हुई। इसके बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के साथ साथ मौत का ग्राफ भी कम होने लगा था। लेकिन अब अप्रैल महीने में फिर से स्थिति गंभीर हो गई है।
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