मेरठ। कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर अभी थमा भी नहीं था कि इसी बीच कोरोना के दूसरे स्वरूप डेल्टा प्लस वैरिएंट के मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि इस वायरस के संक्रमण की रफ्तार अभी धीमी है, इसने 3 राज्यों में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 4 आशा कार्यकर्ताओं में डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण दिखाई देने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इन चारों की सैंपलिंग करके जांच के लिए भेज दी है। डेल्टा प्लस वैरिएंट की संभावना के चलते अब लोगों के दिलों में पहले से ज्यादा दहशत बैठ गई है।
मेरठ में जिन चार आशा कार्यकर्ताओं में डेल्टा वैरिएंट की संभावना जताई जा रही है, वह सभी एक ही स्थान पर मिलकर काम कर रही थीं। ये मेरठ के बिजौली गांव में आशा कार्यकर्ता के रूप में तैनात हैं। तबीयत खराब होने के बाद इनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पुणे लैब भेज दिए गए हैं।
डेल्टा प्लस के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि डेल्टा प्लस कोरोना का बदला स्वरूप है, जिस तरह कोरोना के डेल्टा स्वरूप ने दूसरी लहर में अपना उत्पात मचाया है, डेल्टा प्लस वैरिएंट उससे कई गुना घातक हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलोजी लैब के माध्यम से सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए हैं।
मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि मेरठ के अंदर डेल्टा वैरिएंट की कोई आशंका नहीं है, चूंकि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में डेल्टा वैरिएंट के मामले मिले हैं, इसलिए सतर्कता बरती जा रही है।
मेरठ के खरखौदा क्षेत्र के बिजौली गांव में 4 लोगों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे भेजे गए हैं, ये चारों आशा वर्कर हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही यह क्लियर हो पाएगा कि यह कौनसा वैरिएंट है?
वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ज्ञानेंद्र का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट देश में पहले से है। इसी के चलते दूसरी लहर में इतनी तबाही मची थी, लेकिन अब इसमें बदलाव होने से यह और भी खतरनाक है, यह बदलाव अब डेल्टा प्लस के नाम से जाना जा रहा है।